बीजापुर। देश में हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है, तो वहीं छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का एक गांव ऐसा है जहां स्वतंत्रता दिवस मनाने का मौका लगभग 18 साल बाद आया। इतना ही नहीं नक्सल प्रभावित होने के चलते ग्रामीणों में खौफ भी इतना था कि लगभग 15 साल से स्कूल भी बंद थे। हालांकि इस बार गांव में झंडारोहण भी हुआ है और स्कूलों का संचालन भी शुरू हो गया है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ग्रामीणों ने असली आजादी को महसूस करते हुए उत्साह के साथ एक-दूसरे को बधाई दी।(Bijapur)
24 स्कूलों में किया गया ध्वजारोहण
दरअसल, बीजापुर जिला नक्सल समस्या से प्रभावित है और यहां आए दिन नक्सली वारदात सामने आती हैं। इसी क्षेत्र के मुनगा समेत 24 स्कूलों में भी ध्वजारोहण किया गया। बता दें कि कुछ दिन पहले ही बीजापुर के मुतवेंडी गांव में नक्सलियों ने प्रेशर आईईडी ब्लास्ट किया था। जिसमें एक 10 वर्षीय बालक की मौत हो गई। हिड़मा 27 जुलाई को जब गाय चराते हुए पीडिया के मुरुम पारा तक पहुंचा था, जहां प्रेशर आईईडी ब्लास्ट होने से बुरी तरह घायल हो गया। आईईडी ब्लास्ट में बच्चे के पैर के चिथड़े उड़े गए थे और हाथों में भी चोट आई थी।(Bijapur)
एंबुलेंस से पहुंचाया गया था अस्पताल
घटना के बाद ग्रामीण बच्चे को तत्काल मुतवेंडी के सीआरपीएफ कैंप में ले गए, जहां जवानों ने प्राथमिक इलाज किया और भारी बारिश के बीच पैदल कांवड़ गांव लेकर पहुंचे। कांवड़ गांव से एंबुलेंस के माध्यम से बीजापुर भिजवाया। बीजापुर अस्पताल में बालक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।(Bijapur)
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6 माह की बच्ची की हुई थी मौत
बीजापुर जिले के मुतवेंडी गांव की में एक 6 माह दुधमुंहे बच्ची की पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में क्रॉस फायरिंग के दौरान मौत हो गई थी। 6 माह की मासूम बच्ची मंगली की मां को भी हाथ में गोली लगी थी। यह घटना 1 जनवरी 2024 की है।