छतरपुर। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा की शुरूआत 21 नवंबर से हो रही है। छतरपुर जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बागेश्वर धाम से शुरू होने वाली यह यात्रा राम राजा की नगरी ओरछा में समाप्त होगी। करीब 158 किलोमीटर लंबी इस पदयात्रा के लिए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।   (Dhirendra Krishna Shastri)

600 जवान रहेंगे तैनात

यात्रा के लिए पुलिस ने रूट भी डायवर्ट किया है। यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में जिला और संभाग का पुलिस बल मौके पर तैनात रहेगा। मीडिया को यात्रा की जानकारी देते हुए एसपी ने कहा, ” शुरू के चार दिन छतरपुर से यात्रा निकलेगी, जिसकी पूरी समीक्षा की जा रही है। सागर जोन ओर भोपाल से भी अतिरिक्त बल आ रहा है, करीब 600 से ज्यादा जवान रहेंगे।” उन्होंने कहा कि पैदल यात्रा में आनेजाने वालों को समस्याओं का सामना ना करना पड़े इस लिए रूट चार्ट भी तैयार किया है। (Dhirendra Krishna Shastri)

बता दें कि पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की इस पदयात्रा का उद्देश्य समाज में फैले जातीय भेदभाव को मिटाकर सभी सनातनियों को एक सूत्र में बांधना है। (Dhirendra Krishna Shastri)

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जगतगुरु रामभद्राचार्य करेंगे आरंभ

सनातन हिंदू एकता पदयात्रा को जगतगुरु रमभद्राचार्य महाराज भगवा ध्वज दिखाकर यात्रा को प्रारंभ करेंगे। 9 दिनों यानी 21 नवंबर से लेकर 30 नवंबर तक चलने वाली यह यात्रा प्रतिदिन 15 से 20 किलोमीटर तक चलेगी, उसके बाद विश्राम होगा। यात्रा में देश के प्रसिद्ध साधू-संत शामिल होंगे, जिनमें मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्र दास महाराज, जगत गुरू रामभद्राचार्य महाराज, हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास महाराज, इन्द्रेश महाराज, सुदामा कुटी के सुतीक्ष्ण दास, संजीव कृष्ण ठाकुर, अनुरूद्धाचार्य महाराज और जगतगुरु वल्लभाचार्य के नाम शामिल हैं।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने लिया बड़ा संकल्प

अपनी यात्रा को लेकर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बड़ा संकल्प लिया है। उन्होंने कहा है कि यात्रा में न स्वागत करवाऊंगा और न चरण पादुका पहनूंगा। मीडिया से चर्चा करते हुए बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर ने कहा कि  फूलमाला में पैसे खर्च करने के बजाए सनातन प्रेमी इसे अन्य संसाधनों में लगाएं। वहीं चरण पादुका न पहनने पर उन्होंने कहा कि इतनी लंबी यात्रा में चरण पादुका पहनना संभव नहीं है।

उनका कहना कि यह यात्रा सम्मान कराने के लिए नहीं बल्कि सनातनियों को एकजुट करने के लिए हो रही है। छोटे बच्चे, वृद्ध और बीमार लोगों को यात्रा से दूर रहने का आग्रह किया है और यात्रा में शामिल होने वाले लोगों से थाली, लोटा और एक गर्म लोयी साथ लेकर चलने को कहा।

यात्रा का रूट

  • 21 नवंबर बागेश्वरधाम से शुरू होगी और करीब 15 किलोमीटर दूर कदारी फार्मेसी कॉलेज तक चलेगी जहां रात्रि विश्राम होगा।
  • 22 नवंबर कादरी फार्मेसी कॉलेज से गठेवरा अंडर ब्रिज होते हुए छतरपुर शहर पेप्टिक टाउन तक यात्रा चलेगी। दूसरे दिन यात्रा करीब 17 किलोमीटर दूर तक चलेगी।
  • तीसरे दिन (23 नवंबर) पेप्टिक टाउन से मऊ सानिया महाराजा छत्रसाल स्मारक होते हुए नौगांव शांति कॉलेज तक करीब 21 किलोमीटर पदयात्रा होगी।
  • 24 नवंबर को शांति कॉलेज नौगांव से बड़ागांव टोल प्लाजा होते हुए देवरी रेस्टहाउस तक जाएगी फिर यहां रात्रि विश्राम होगा। इस दिन बागेश्वर महाराज 22 किलोमीटर चलेंगे।
  • 25 नवंबर देवरी रेस्ट हाउस भदरवारा होते हुए ग्रामोदय मऊरानीपुर यूपी रात्रि विश्राम.
  • 26 नवंबर को ग्रामोदय मऊरानीपुर उत्तर प्रदेश से श्री राम कॉलेज बंगरा होते हुए श्री राम पैलेस और शारदा महाविद्यालय घुघसी पहुंचेगी। करीब 17 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद यहां रात्रि विश्राम होगा।
  • 27 नवंबर राम पैलेस और शारदा महाविद्यालय घुघसी से सकरार होते हुए रेस्ट एरिया निवाड़ी पहुंचेगी, जहां रात्रि विश्राम होगा।
  • 28 नवंबर रेस्ट एरिया निवाड़ी से बरुसागर होते हुए करीब 16 किलोमीटर की दूरी तय कर यात्रा ओरछा तिराहा पर पहुंचेगी। यहां रात्रि विश्राम होगा।
  • 29 नवंबर यानी यात्रा के आखिरी दिन ओरछा तिराहा से ओरछा धाम 8 किलोमीटर चलकर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पदयात्रा को पूरा करेंगे।