भोपाल। मध्यप्रदेश में मोहन कैबिनेट (MP BJP) का हिस्सा बने पूर्व कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।  दरअसल, बीजेपी आलाकमान द्वारा विजयपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव में कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत को उम्मीदवार बनाया जाना लगभग तय माना जा रहा है।

जिसके बाद श्योपुर से विधायक रहे दो बीजेपी नेताओं ने बगावती तेवर इख्तियार करते हुए रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे रावत

कांग्रेस से 6 बार विधायक रह चुके रामनिवास रावत (MP BJP) को कैबिनेट में शामिल किए जाने के बाद श्योपुर बीजेपी में अंदरुनी कलह शुरू हो गई है। दो पूर्व विधायकों ने इसे लेकर खुली बगावत कर दी है। उन्होंने रावत को बीजेपी का हिस्सा बनाने पर एतराज जताया है। साथ ही उनके खिलाफ मुहिम चलानी शुरू कर दी है।

बता दें कि कैबिनेट मंत्री बनते ही विजयपुर सीट से विधायक रावत ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद चुनाव आयोग जल्द ही विजयपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान कर सकता है।

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सीताराम आदिवासी और बाबूलाल मेवारा दिखाए बगावती तेवर

बीजेपी के पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी और बाबूलाल मेवारा ने विजयपुर सीट पर उपचुनाव तय होने के बाद ही बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने पार्टी के फैसले के खिलाफ जाकर रामनिवास रावत के साथ पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। जिसका नुकसान रावत को उपचुनाव में उठाना पड़ सकता है।

विजयपुर सीट पर टिकट की दावेदारी करते हुए पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी ने कहा कि विजयपुर में सेहरिया समाज के 60 से 70 हजार वोटर हैं। यदि बीजेपी ने उन्हें विजयपुर सीट से टिकट नहीं दिया तो बीजेपी को इसका बुरा अंजाम भुगतना होगा।

बता दें कि इसी साल लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान रामनिवास रावत कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। इसके बाद हाल ही में उन्हें मोहन कैबिनेट में शामिल किया गया था। मंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने विधायकी से इस्तीफा भी दे दिया था।

जिसके बाद विजयपुर सीट खाली हो गई थी। नियम के मुताबिक यहां 6 महीने के भीतर विधानसभा उपचुनाव होना जरुरी है। ऐसे ही कैबिनेट मंत्री बनने के बाद 6 महीने के बाद विधायक चुना जाना जरुरी है।

आलाकमान के फैसले पर उठाए सवाल

पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी ने रामनिवास रावत को बीजेपी में शामिल करने को लेकर प्रदेश भाजपा के बड़े नेताओ पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि जब राज्य में बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार है तो फिर ऐसी क्या मजबूरी हो गई कि बीजेपी को कांग्रेस से आने वाले रामनिवास रावत को मंत्री बनाना पड़ गया।

रामनिवास रावत को हरा चुके हैं चुनाव

बागी विधायक सीताराम आदिवासी ने कहा कि, जिसके खिलाफ हम विजयपुर से चुनाव लड़ते थे, आज उसी रामनिवास को बीजेपी आलाकमान सिर- माथे पर बैठा रही है।

पूर्व विधायक ने कहा कि उन्हें उम्मीदवार न बनाए जाने का अंजाम पार्टी चुनाव में भुगतेगी। बता दें कि सीताराम आदिवासी और बाबूलाल मेवारा दोनों रामनिवास रावत को चुनाव में हरा चुके हैं। उन्होंने बीजेपी से टिकट न मिलने पर विजयनगर उपचुनाव भाजपा छोड़ अकेले लड़ने की धमकी दी है।