रायपुर। ‘धान का कटोरा’ कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में आज से खरीफ विपणन वर्ष के लिए MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर धान की खरीदी शुरु हो गई है। सीएम विष्णु देव साय बालोद जिले के गुण्डरदेही विकासखंड के ग्राम भांठा गांव में धान खरीदी केंद्र का उद्घाटन करेंगे। इसके लिए प्रशासन की ओर से तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। जिसके अंतर्गत शासन की तरफ से 100 फीसदी ऑनलाइन और ऑफ लाइन टोकन काटने की व्यवस्था की गई है। (CM Vishnudev Sai)

साथ ही धान खरीदी केंद्रों पर नमी मापक यंत्र (moisture meter) के साथ बोरे बरदानों की व्यवस्था भी सुनिश्चित कर दी गई है, पिछले साल की तरह इस बार भी धान खरीदी 50 फीसदी नए और 50 फीसदी पुराने बारदानों में की जाएगी। (CM Vishnudev Sai)

किसानों से खरीदेंगे एक-एक दाना – सीएम

सीएम साय ने इसे लेकर कहा कि अन्नदाता साथियों के धान का एक-एक दाना खरीदना हमारा लक्ष्य है, जिसके तहत इस बार 27 लाख से ज्यादा किसानों का धान हमारी सरकार खरीदेगी और भुगतान भी 72 घंटे के अंदर होगा।

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सीएम विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘आज से छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की शुरुआत हो रही है, जिसके तहत हमारी सरकार ने आप सभी की सुविधा के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। अन्नदाता साथियों के धान का एक-एक दाना खरीदना हमारा लक्ष्य है, जिसके तहत इस बार 27 लाख से अधिक किसानों का धान हमारी सरकार खरीदेगी और भुगतान भी 72 घंटे के अंदर सुनिश्चित करेंगे।’

उन्होंने आगे लिखा, ‘किसानों को धान खरीदी के लिए अधिक दूरी तय न करना पड़े, इसका भी हमने विशेष ख्याल रखा है और 2739 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से पूरी पारदर्शिता के साथ धान खरीदी की व्यवस्था की गई है।अन्नदाता हमारे छत्तीसगढ़ की आत्मा हैं, उनकी मेहनत को पूरा दाम और सम्मान मिले, इसके लिए हमारी सरकार तत्पर है। हमने किसानों से उनके पूरी उपज को खरीदने, खरीदी में पूरी पारदर्शिता बरतने और तय समयसीमा में भुगतान करने पर विशेष ध्यान दिया है।’

केवल पंजीकृत किसान ही कर सकेंगे खरीदी

बता दें कि सीएम साय ने धान के अवैध परिवहन के लिए सीमाई इलाके में कड़ी निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। सरकार की ओर से कहा गया है कि केवल पंजीकृत किसान ही धान की बिक्री कर सकें। इस खरीफ सीजन के लिए प्रदेश में कुल 27 लाख 1 हजार 109 पंजीकृत किसान हैं, जिसमें 1 लाख 35 हजार 891 नए किसान शामिल हैं। इसके साथ ही 1 लाख 36 हजार 263 हेक्टेयर भूमि का पंजीयन भी इसी साल हुआ है।