जबलपुर। हर साल की तरह इस साल भी स्वतंत्रता दिवस (Narmada Tiranga Yatra) से एक दिन पहले संस्कारधानी जबलपुर में विशाल तिरंगा यात्रा निकली। जिलहरी घाट से लेकर तिलवारा घाट तक उफनती नर्मदा नदी में करीब 10 किलोमीटर लंबी तक इस यात्रा को निकाला गया। इसमें बड़ी संख्या में तैराक सामने हुए। बता दें कि जबलपुर में यह यात्रा बीते डेढ़ दशक से निकाली जा रही है।

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बीते 14 साल से 14 अगस्त को निकल रही इस यात्रा (Narmada Tiranga Yatra) की खासियत यह रही कि लोगों ने हाथों में तिरंगा लेकर नर्मदा नदी के तेज बहाव में करीब 10 किलोमीटर तक की यात्रा की। इसको निकालने का मुख्य मकसद अखंड भारत का संदेश देना है।

इस यात्रा में महिलाओं और बच्चों ने भी भाग लिया। उन्होंने नाव में बैठकर यात्रा पूरी की। इस यात्रा को लेकर लोगों में कितना उत्साह है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि बरगी बांध के गेट खुले होने के बाद भी सैकड़ों लोग हाथ में तिरंगा लेकर नर्मदा की तेज धार में तैरने को तैयार दिखे।

यात्रा में शामिल लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस-प्रशासन ने सभी बंदोबस्त किए थे। यात्रा में गोताखोरों की टीम नाव को साथ लेकर चली। इस यात्रा को शुरू करने वाले संजय यादव के मुताबिक स्वतंत्रता दिवस के मौके पर होने वाला यह प्रदेश का सबसे अनोखा आयोजन है। इसमें वो ही लोग शामिल होते हैं जिन्हें नर्मदा में तैरने का अभ्यास है या फिर जो प्रोफेशनल तैराक हैं। इसमें जबलपुर तैराकी संघ के लोग भी शामिल हैं। जोखिम से भरी और रोमांच पैदा करने वाली इस यात्रा को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।