नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र का उद्घाटन किया। बता दें कि भारत पहली बार विश्व धरोहर समिति की बैठक की मेजबानी कर रहा है। ये सत्र 21 से 31 जुलाई तक चलेगा। इस समारोह में यूनेस्को की महानिदेशक आड्रे अजोले भी मौजूद हैं। साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर और केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं।(World Heritage Committee)
‘भारत का वर्तमान, गौरवशाली अतीत की कहानी‘
सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हमने देखा है कि दुनिया में विरासत के अलग-अलग केंद्र हैं, लेकिन भारत इतना प्राचीन है कि वर्तमान का हर बिंदु किसी न किसी गौरवशाली अतीत की कहानी कहता है। दिल्ली का उदाहरण लीजिए। दुनिया दिल्ली को भारत की राजधानी के रूप में जानती है, लेकिन यहां से करीब 15 किलोमीटर दूर आपको ऐतिहासिक विरासतें देखने को मिलेंगी।’(World Heritage Committee)
‘पहले भी भारत की धातु विज्ञान बहुत अच्छी थी’
पीएम ने आगे कहा, ‘कई टन वजनी एक लोहे का खंभा, जो 2000 साल से खुले में खड़ा है, फिर भी आज तक जंगरोधी है। इससे पता चलता है कि उस समय भी भारत की धातु विज्ञान कितनी उन्नत थी। भारत की विरासत विज्ञान भी है, भारत की विरासत शीर्ष स्तर की इंजीनियरिंग की गौरवशाली यात्रा को भी दर्शाती है।’(World Heritage Committee)
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‘भारत की ओर ध्यान आकर्षित करने में सफल’
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सामारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले साल आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन ने दुनिया का भारत के प्रति देखने का नजरिया बदल दिया है। अब ऐतिहासिक चुनाव और तीसरी बार सरकार बनाने के बाद हम एक बार फिर इस बड़े आयोजन के माध्यम से भारत की ओर ध्यान आकर्षित करने में सफल हुए हैं।’