रायपुर। प्रदेश को मलेरिया (Malaria) के प्रकोप से राहत मिल गई है। सीएम विष्णुदेव साय के स्वास्थ्य विभाग को दिए गए निर्देशों के बाद विभाग द्वारा लगातार सक्रियता दिखाते हुए काम किया जा रहा है। जिसके बाद ये सुखद खबर सामने आई है।
बारिश को देखते हुए सीएम ने दिए थे निर्देश
दरअसल, घने जंगलों और दुर्गम क्षेत्रों वाले बस्तर संभाग में मलेरिया (Malaria) जैसी बीमारियों की रोकथाम हमेशा से एक कड़ी चुनौती रही है, उसके बावजूद हालात तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बारिश के मौसम को देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य विभाग को मलेरिया जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
सीएम के निर्देश पर स्वास्थ्य मंत्री कर रहे दौरे
मुख्यमंत्री के कड़े निर्देशों के बाद बस्तर समेत पूरे राज्य में मलेरिया (Malaria) के मामलों में बड़ी कमी आई है।बारिश के दौरान मलेरिया उन्मूलन की दिशा में प्रयासों को तेज करने के मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल बीजापुर जिले के दौरे पर हैं। छत्तीसगढ़ में मलेरिया के कुल मामलों में से 61.99 फीसदी दंतेवाड़ा, बीजापुर, और नारायणपुर से आते हैं। इन जिलों में स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता और मुख्यमंत्री के निर्देशन में किए गए कार्यों से मलेरिया के मामलों में काफी कमी आई है।
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22 जिलों में कीटनाशक युक्त मच्छरदानियों का वितरण
वहीं, बस्तर संभाग में मलेरिया के मामलों में 50 फीसदी की कमी आई है। मलेरिया के वार्षिक परजीवी सूचकांक दर के मुताबिक, 2018 में छत्तीसगढ़ में मलेरिया की दर 2.63 फीसदी थी, जो 2023 में घटकर 0.99 फीसदी रह गई है। इसी तरह बस्तर में यह दर 16.49 फीसदी से घटकर 7.78 फीसदी रह गई है।मलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत 2020 से 2023 के दौरान, पहले से 9वें चरण तक मलेरिया धनात्मक दर 4.60 फीसदी से घटकर 0.51 फीसदी हो चुकी है। इस अभियान का दसवां चरण भी 5 जुलाई 2024 को समाप्त हुआ है। इस अभियान के तहत राज्य में 22 जिलों में 16.97 लाख कीटनाशक युक्त मच्छरदानियों का वितरण भी किया गया है।