जबलपुर। नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल अधीक्षक के घर में उस समय अफरा-तफरी का माहौल बन गया जब दो कबर बिज्जू उनके शयनकक्ष तक पहुंच गए।(Jabalpur News)

रेस्क्यू कर वन विभाग को सौंपा गया

स्वजनों ने जैसे ही अजीब तरह के दिखने वाले जानवर को देखा तो वो भाग कर कक्ष के बाहर आ गए। जिसके बाद फौरन सर्प और वन्य प्राणी विशेषज्ञ को सूचित किया गया। मौके पर पहुंचे सर्पमित्र ने कबर बिज्ज्जुओं का रेस्क्यु कर वन विभाग के सुपुर्द कर दिया। सर्प विशेषज्ञ गजेंद्र दुबे ने बताया कि हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. अरविंद शर्मा के शासकीय निवास पर शयन कक्ष में एक बिल्ली की तरह दिखाई देने वाला जानवर दिखाई दिया जिससे वो घबरा गए थे।(Jabalpur News)

सुरक्षात्मक तरीके से दोनों कबर बिज्जुओं को पकड़ा गया

जिसके बाद आनन-फानन में डॉक्टर ने उसकी सूचना सर्प विशेषज्ञ को दी। उन्होंने मौके पर पहुंचकर देखा तो पाया कि अजीब सा दिखने वाले जानवर कबर बिज्जू था। तत्काल ही सुरक्षात्मक तरीके से दोनों कबर बिज्जुओं को पकड़ कर वन विभाग के रेस्क्यू दल प्रभारी गुलाब सिंह परिहार को सूचित किया और उनके निर्देश पर बरगी के जंगल में छोड़ दिया गया।(Jabalpur News)

नहीं पहुंचाया किसी को नुकसान

हालांकि, ये गनीमत रही कि कबर बिज्जू ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया, क्योंकि ये इतने घातक होते हैं कि इनके काटने से खतरनाक हाइड्रोफोबिक रैबीज तक हो सकता है। कबर बिज्जुओं के पकड़े जाने से मेडिकल अधीक्षक समेत स्वजनों ने राहत की सांस ली। पकड़े गए कबर बिज्जू में नर और मादा थी।(Jabalpur News)

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सर्पविशेषज्ञ गजेंद्र दुबे बताते हैं कि कबर बिज्जू को मुर्दा खोर भी कहते हैं। श्मशानों और कब्रिस्तान में जाकर मृत बच्चों के शवों को खोदकर निकाल कर खा लेता है। इसीलिए इसे मुर्दाखोर कहते हैं। इनके काटने पर हाइड्रोफोबिक रैबीज का ख़तरा रहता है। इनका वैज्ञानिक नाम बुल्पैस बेंगालेसिस भी है। ये एक लोमड़ी की प्रजाति का जानवर है।