इंदौर। एक औरत शादी के बाद जब अपने मायके से विदा होकर ससुराल जाती है तो उसकी इच्छा होती है कि मरने के बाद भी उसकी मांग में सिंदूर रहे। मध्यप्रदेश के इंदौर में अस्पताल के बेड पर घायल पड़े पति ब्रेनडेड पत्नी की मांग सिंदूर भर कर उन्हें अंतिम विदाई दी। वहीं, महिला का शरीर भले ही नश्वर अवस्था में पड़ा हो लेकिन जाते-जाते उसने तीन लोगों को अपने अंग दान कर नई जिंदगी दी। अंगदान का यह मामला बेहद भावुक रहा। (Indore organ donation matter)

दरअसल, भाई दूज के मौके पर पति-पत्नी एक हादसे का शिकार हो गए थे और हॉस्पिटल में पास-पास ही एडमिट थे। शुक्रवार को पति ने अपनी ब्रेन डेड पत्नी के शरीर की किडनी और आंखें डोनेट करने की इच्छा जताई। इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी की मांग में सिंदूर भरकर आखिरी विदाई दी। पति-पत्नि के प्यार का ऐसा मार्मिक दृश्य देखकर वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें भर आईं। (Indore organ donation matter)

आ गई खुशियों की तारीख.. लाड़ली बहनों के खाते में आज आएंगे 1250 रुपए, CM मोहन यादव जारी करेंगे योजना की 18वीं किस्त

जानें पूरा मामला

जिस महिला की बॉडी डोनेट हुई है, उसका नाम मनीषा राठौर पति भूपेंद्र राठौर (44) है। वह शाजापुर की निवासी है। भाई दूज (3 नवंबर) के दिन वे अपने पति के साथ इंदौर ननद के यहां आईं थी। वहां से लौटते समय मक्सी रोड पर उनका एक्सीडेंट हो गया, जिसमें मनीषा गंभीर रूप से घायल हो गई थीं, जिसके बाद उन्हें इंदौर के सीएचएल अस्पताल में एडमिट कराया गया।

अस्पताल में उनकी हालत धीरे-धीरे बिगड़ती गई और 7 नवंबर को डॉक्टर ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद मनीषा के परिजनों ने अंगदान का फैसला लिया। इसके बाद महिला की दोनों किडनी और आंखें दान की गईं। इन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती मरीजों को ट्रांसप्लांट की गई।

अंगदान के लिए इंदौर में शुक्रवार को दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। इन दो किडनियों में से एक राजश्री अपोलो और दूसरा एमिनेंट अस्पताल के लिए थी। वहीं आंखे शंकरा आई अस्पताल को दान दी गईं। इसको लेकर पति और बेटी ने कहा कि अंगदान करने से किसी को जीवन मिलेगा, इससे बेहतर कोई दूसरा काम नहीं हो सकता। उन्होंने और भी लोगों से ऐसा करने की अपील की। बता दें कि महिला के पति भूपेंद्र राठौर एक शिक्षक हैं, जबकि बेटी पुणे की एक आईटी कंपनी में काम करती है।

 

यहां देखें वीडियो…

 

लोगों के लिए मिशाल बनीं मनीषा

मनीषा के अंगदान से शाजापुर वासी इतने प्रेरित हुए कि उन्होंने शहर में कई जगहों पर अंगदान जागरूकता के पोस्टर्स लगाए। साथ ही लोगों से अंगदान के लिए आगे आने की अपील की।