कटनी। नाग पंचमी के अवसर पर लोगों को नाग देवता के दर्शन कराने के लिए सपेरों ने क्रूरता की हद पार कर दी। सपेरों ने पहले तो मूक जीवों के दांत तोड़कर उनका जहर निकाला और फिर धागे से उनका मुंह सिल दिया। नाग पंचमी के मौके पर जब शहर में सपेरों के आने की सूचना मिली तो पशु प्रेमियों ने सपेरों से कई जगहों पर सांप छीनकर वन विभाग को सौंप दिया।(Cruelty To Snakes)

पशु-प्रेमियों ने 22 सांपों का किया रेस्क्यू

सांपों का रेस्क्यू करने के बाद टीम ने वन विभाग को सौंपा। इस तरह से दिनभर में पशु प्रेमियों ने 22 नाग-नागिन को जब्त किया। जबकि इस बीच सपेरे बचकर भाग निकले।(Cruelty To Snakes)

पशु प्रेमियों ने दो दिन पहले ही वन विभाग को कर दिया था सूचित

बता दें कि, नगर की पशु प्रेमी अमिता श्रीवास, सतीश सोनी और उनकी टीम के सदस्यों ने वन विभाग को दो दिन पहले ही जानकारी देते हुए सपेरों से सांपों को छुड़ाने का अभियान चलाने की बात कही थी। इसके साथ ही इंटरनेट पर सूचना प्रसारित कर लोगों से अपील की थी कि अगर कोई भी सपेरा नाग पंचमी पर सांप लेकर घूमते मिले तो सूचना जरूर दें।(Cruelty To Snakes)

रेस्क्यू किए गए सांपों में नाग-नागिन भी शामिल

जिसके बाद टीम ने नई बस्ती, संतनगर, जालपा देवी वार्ड, पुरानी बस्ती, चांडक चौक, आजाद चौक समेत अन्य स्थानों पर पहुंचकर सपेरों से सांप छुड़ाए। जिसमें तीन फीट से लेकर सात फीट लंबे  कोबरा प्रजाति के नाग नागिन भी शामिल थे।(Cruelty To Snakes)

काले धागों से सिला गया था मुंह

रेस्क्यू करने के बाद जब पशु प्रेमियों ने सांपों को ध्यान से देखा तो पाया कि उनके दांत टूटे हुए हैं। सभी के मुंह को काले रंग के धागों से सिल दिया गया था, जिसके चलते वो कुछ भी खाने-पीने में असमर्थ थे।(Cruelty To Snakes)

दर्शन के बहाने वसूल रहे थे दक्षिणा

पशु प्रेमियों ने बताया कि सपेरे गली मोहल्लों में लोगों को नाग  के दर्शन कराकर दक्षिणा वसूल रहे थे। पशु प्रेमियों का कहना था कि अगर एक-दो दिन ऐसी ही स्थिति रहती तो सांपों की मौत हो सकती थी। इतना ही नहीं सांपों को जिन पिटारियों में रखा गया था, उनमें सुई धागा भी रखा मिला।(Cruelty To Snakes)

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दिनभर में टीम ने रेस्क्यू कर 22 सांपों को छुड़ाया

उसके बाद पशु प्रेमी की टीम सभी सापों को लेकर वन विभाग के रेंजर कार्यालय पहुंची। जहां पर सांपों के सिले गए मुंह के धागे कटर की सहायता से काटे गए और उसके बाद वन विभाग के साथ मिलकर पशु प्रेमियों ने सभी सांपों को सुरक्षित लखापतेरी के जंगलों में ले जाकर छोड़ा।