भोपाल। मध्यप्रदेश में डॉक्टर श्यामाप्रसाद मुख र्जी बलिदान दिवस के अवसर पर बीजेपी ने पर्यवरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा अभियान शुरू किया है। इस अभियान की शुरूआत खुद प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने मां के नाम पौधारोपण के जरिए की। इस अभियान का नाम एक पेड़ मां के नाम दिया गया है। देखिए हमारी ये रिपोर्ट… BJP Mega Plantation
CM मोहन ने मां के नाम किया पौधारोपण
-पर्यवरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम
-बूथ स्तर पर चलाया जा रहा प्लांटेशन अभियान
ये अभियान पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम बताया जा रहा है। इस अभियान को बूथ स्तर पर संचालित किया जा रहा। एक पेड़ मां के नाम अभियान से हर वर्ग और सामाजिक संगठन को जोड़कर जन जागरण फैलाने की कोशिश की जा रही। इस अभियान की शुरूआत जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि से की गई, जो 6 जुलाई को उनकी जयंती तक चलेगा। प्रदेश बीजेपी कार्यालय के पास स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, वीडी श र्मा समेत संगठन के पदाधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की।
इस दौरान बीजेपी मुख्यालय पहुंचकर सीएम डॉ मोहन यादव ने अपनी मां के नाम एक पौधा लगाया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के पहले और बाद में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी देश की बड़ी चुनौतीयों के खिलाफ अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कश्मीर, बंगाल की चुनौतीयों का सामना किया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने श्यामाप्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल की असामयिक मौत पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इनकी मौत का जिम्मेदान कौन है। इस तथ्य को दबाया गया। श्यामाप्रसाद मुख र्जी ने जम्मू कश्मीर पर देश का ध्यान आकर्षण किया।और मोदी सरकार नेधारा 370 को हटाया जम्मू कश्मीर को कंलक को हटाया।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में तेजी से काम
पीएम नरेंद्र मोदी ने एक पेड़ मां के नाम अभियान चलाने की बात कही थी। मध्यप्रदेश बीजेपी ने इस अभियान की शुरूआत कर दी। हालांकि, मोहन सरकार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इस साल साढ़े पांच करोड़ पौधे लगाने का टारगेट रखा गया। साथ जल गंगा संवर्धन अभियान पहले से चल रहा है। इस अभियान के तहत जल स्त्रोतों को विकसित किया जा रहा। सरकार इन अभियान से जनता को भी जोड़ रही है। कोशिश यही है कि इस अभियान को जन जागरण के तहत एक मुहिम बनाकर पर्यावरण का ज्यादा से ज्यादा संरक्षण किया जा सके।
—मनोज राठौर