मनेन्द्रगढ़। चिरमिरी भरतपुर जिले (Education News) में आज भी कुछ गांव हैं जो देश को आजाद हुए 75 वर्ष बीत चुके हैं। लेकिन, आज तक उन दूर दुरुस्त वानांचल ग्रामीण में क्षेत्र का विकास नहीं हुआ। जहां छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर तमाम योजनाएं बनाई तो जाती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत क्या है इसे दुरुस्त जनकपुर के कुदरा (पा) गांव को देखकर आसानी से समझा जा सकता है। जहां गांव के बच्चे शिक्षा के अभाव को लेकर स्कूल के लिये तरस रहे हैं।
MP News : पेपर लीक करने वालों की अब खैर नहीं, सख्त कानून ला रही मोहन सरकार
आपको बता दें कि जिले (Education News) के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र विकासखंड भरतपुर का एक गांव ऎसा भी है। जहां आजादी से लेकर आज तक मूलभूत सुविधा से वंचित हैं जहां देश को शिक्षित बनाने के लिए बड़े-बड़े स्कूल खोले जा रहे हैं। शिक्षा को लेकर हर स्तर पर काम किया जा रहा है, लेकिन इस गांव में स्कूल के लिए गांव ग्रामीण से लेकर बच्चे तक तरस रहे हैं। 100 घर की आबादी वाला यह गांव जहां लगभग 50 से भी ज्यादा बच्चे स्कूल के लिए तरस रहे हैं और स्कूल में पढ़ने जाने के लिए एक उम्मीद लगाए बैठे हैं कि गांव में कब स्कूल खुलेगा और कब हम स्कूल जाएंगे।
चुनाव के वक्त वोट मांगने के लिए नेता उस गांव तक जाकर गांव की हालत देखकर गांव के ग्रामीणों से बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन सारे वादे आज सालों तक पूरे नहीं हुए गांव में स्कूल नहीं होने के कारण बच्चे 20 किमी दूर पढ़ाई करने जाने को मजबूर हैं। वहीे ग्रामीणों का कहना है कि हम अपने बच्चों को दूर जंगलों के रास्ते से स्कूल भेजते हैं जहां हमें डर लगा रहता है।
जिला शिक्षा अधिकारी अजय मिश्रा ने बताया कि बहुत ही इंटीरियर गांव है जहां की आबादी और बाकी चीज बहुत कम है बहुत ही दुरुस्त वन्यांचल क्षेत्र है होने के कारण अभी तक वहां शाला भवन का निर्माण नहीं हो पाया है जैसे भवन स्वीकृत होगा वहां पर भवन का निर्माण किया जाएगा।