भोपाल। नीट परीक्षा में धांधली और यूजीसी-नेट एग्जाम स्थगित (MP News) होने के चलते पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। ऐसे मामलों में जहां छात्रों का भविष्य तो खराब होता ही है, वहीं सरकार पर भी सवाल उठते हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार पेपर लीक मामलों पर लगाम लगाने के लिए सख्त कानून बनाने की तैयारी कर रही है। जानकारी के मुताबिक जल्द ही इस कानून को लेकर अध्यादेश लाया जा सकता है।

फिलहाल, स्कूल शिक्षा विभाग ने इसका मसौदा (MP News) तैयार कर इसे परीक्षण के लिए विधि विभाग को भेजा है। जिसे अध्यादेश के जरिए लागू किया जा सकता है। परीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए बनाए जा रहे इस कानून में दोषियों पर एक करोड़ तक का जुर्माना और 10 साल तक की सजा का प्रावधान होगा।

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एजेंसियों की होगी निगरानी

बता दें कि मध्य प्रदेश में अभी माध्यमिक शिक्षा मंडल, राज्य लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल समेत कई एजेंसियों के माध्यम से परीक्षाएं संचालित होती हैं। लेकिन वर्तमान में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जहां एजेंसियों की ओर से आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं की निगरानी की हो सके। लेकिन मोहन सरकार जो कानून ला रही है उसमें ये प्रावधान होगा।

दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई – स्कूल शिक्षा मंत्री

इस मामले पर स्कूल शिक्षा मंत्री रावउदय प्रताप सिंह ने कहा है कि सीएम मोहन यादव से चर्चा के बाद पेपर लीक कानून का मसौदा विधि विभाग को भेजा गया है। विधि विभाग द्वारा परीक्षण करने के बाद आगे प्रोसेस की जाएगी। उन्होंने कहा कि परीक्षा में धांधली से जुड़े मामलों में जो भी दोषी पाया गया उस पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक अगर मसौदे के परीक्षण का कार्य 1 जुलाई से शुरु हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र की समाप्ति तक पूरा हो जाता है तो संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा। और यदि ऐसा नहीं हुआ तो अध्यादेश के जरिए प्रावधान लागू किए जा सकते हैं।

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