सरगुजा। ज्यादा मजदूरी का लालच देकर 4 पहाड़ी कोरवा नाबालिगों (rescued the hostages) को राजस्थान में बंधक बना लिया गया। जहां उनको कम मजदूरी देकर काम कराया जा रहा था। जिला प्रशासन की पहल से चारों नाबालिग मजदूर अंबिकापुर सकुशल लौटे। इन मजदूरों ने मंत्री रामविचार नेताम से भी मुलाकात की।

अधिक मजदूरी का झांसा देकर बनाया बंधक

जानकारी के मुताबिक, मैनपाट ब्लॉक के मालतीपुर गांव निवासी 4 नाबालिग पहाड़ी कोरवा मजदूरों को अधिक मजदूरी देने का झांसा देकर (rescued the hostages) चिरगा निवासी फिलिम अपने साथ ले गया। राजस्थान के सवाई माधोपुर के पास चारों को उसने काम करने के लिए छोड़ दिया। जहां उनको बोरवेल्स के काम में लगा दिया गया था।

पर्याप्त मजदूरी नहीं दी, वापस लौटने से भी रोका

बोरवेल के कठिन काम में लगाने के बावजूद उन्हें पर्याप्त मजदूरी भी नहीं दी गई। जिसके बाद वो लौटना चाहते थे, लेकिन उनको वापस भी नहीं जाने दिया जा रहा था। परेशान होकर नाबालिगों ने अपने परिजनों को बताया तो परिजनों ने विधायक रामकुमार टोप्पो और सरगुजा प्रशासन को जानकारी दी। मामले की जानकारी मिलते ही कलेक्टर विलास भोसकर और एसपी योगेश पटेल ने अधिकारियों को राजस्थान के अधिकारियों से संपर्क करने के निर्देश दिए। जिसके बाद एसडीएम मैनपाट रवि राही ने राजस्थान के अधिकारियों से संपर्क करके मजदूरों की वापसी की कार्रवाई शुरू करवाई।

प्रशासन की मदद से अंबिकापुर लौटे चारों नाबालिग

प्रशासन की सकारात्मक पहल के बाद चारों नाबालिग अंबिकापुर पहुंच गए। वहीं उन्होंने सर्किट हाउस में मंत्री रामविचार नेताम से भी मुलाकात की। साथ ही मंत्री के निर्देश के बाद चारों नाबालिगों को घर पहुंचा दिया गया।बता दें कि इससे पहले भी मैनपाट और सीतापुर क्षेत्र के मजदूरों को बंधक बनाए जाने की सूचना पर दूसरे प्रदेशों से मुक्त कराया गया है।

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दलालों पर होगी कार्रवाई

वहीं, कलेक्टर विलास भोसकर और एसपी योगेश पटेल ने प्रशासनिक और पुलिस अमले को झांसा देकर दूसरे राज्यों में श्रमिकों और नाबालिगों को ले जाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।