इंदौर। इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के एमबीए पेपर लीक मामले में यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने बड़ा एक्शन लिया है। जिसके तहत दो निजी कॉलेज आयडलिक और संघवी पर कार्रवाई की गई है। दोनों ही कॉलेजों में गड़बड़ी पाए जाने पर यहां अगले तीन साल तक एग्जाम सेंटर नहीं बनाए जाने का फैसला लिया गया है।
बता दें कि आयडलिक कॉलेज लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले नेता अक्षय बम का है। यूनिवर्सिटी कार्यपरिषद ने इस मामले मे उनके कॉलेज पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है।
विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक में मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा आयुक्त निशांत वरवड़े भी शामिल हुए थे। वह बुधवार को भोपाल से इंदौर बैठक में शामिल होने आए थे। जानकारी के मुताबिक इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ जब राज्य उच्च शिक्षा आयुक्त इस तरह की बैठक का हिस्सा बने हों।
बैठक में आयडलिक कॉलेज की मान्यता रद्द करने की मांग भी उठी थी, जिस पर जांच पूरी होने के बाद निर्णय लिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक इसके लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा अलग से कमेटी का गठन किया जाएगा। जो यह देखेगी कि कॉलेज में नियमों का पालन सही तरह से किया गया है या नहीं। इसके बाद ही इसकी संबद्धता या मान्यता को समाप्त करने का फैसला लिया जाएगा।
25 मई और 28 मई को होने वाले एमबीए प्रथम सेमेस्टर के दोनों पेपर परीक्षा के एक दिन पहले ही लीक हो गए थे। मामला सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी ने एग्जाम कमेटी की मीटिंग बुलाकर पेपर निरस्त कर दिया था। इसके बाद डिशनल डीसीपी रामस्नेही मिश्रा, एसीपी तुषार सिंह और टीआई उमेश यादव की जांच टीम गठित की गई।
इस टीम ने पेपर तैयार होने से लेकर उनके कॉलेज पहुंचने तक की सारी व्यवस्था की जांच की। इसके बाद दो दर्जन व्हाट्सऐप ग्रुपों में वायरल होने वाले पेपर की जांच-पड़ताल की, जिसमें वो आयडलिक कॉलेज के एक छात्र तक पहुंचे। धीरेंद्र नाम के इस छात्र ने बताया कि उसे पेपर गौरव सिंह गौर नाम के छात्र से मिले हैं।
डीएवीवी से पेपर लीक की शिकायत आने पर पुलिस ने शिकायत दर्जी की और जांच के बाद आयडलिक कॉलेज के कर्मचारी दीपक सोलंकी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दीपक ने सारी बात कबूली। दीपक ने बताया कि उसने प्रिंसिपल रूम से पेपर निकाले और फोटो खींचकर उसे गौरव सिंह नाम के छात्र को दो हजार रुपये में बेंचा। इसके बाद गौरव से यह पेपर धीरेंद्र को पहुंचा और धीरे-धीरे वायरल हो गया।
मामले की जांच कर रही कमेटी की रिपोर्ट में आयडलिक कॉलेज के अलावा संघवी कॉलेज में भी गड़बड़ी पाई गई है। जिसकी वजह से वहां अगले तीन साल तक परीक्षा केंद्र नहीं बनाने का फैसला लिया गया है।