भोपाल। बीजेपी सरकार के पिछले करीब दो दशक में यह पहला अवसर होगा, जब सत्ता में कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। पार्टी की योजना है कि अगले 6 महीनों में ग्राम पंचायत से लेकर राजधानी तक कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाकर उन्हें जिम्मेदारी दे दी जाए। करीब 33 साल पहले तत्कालीन सुंदरलाल पटवा सरकार में ये समितियां बनाई गई थीं।(Reconstitution of Committee)
कार्यकर्ताओं को दी जाएगी जिम्मेदारी
दरअसल, मध्य प्रदेश में बीजेपी ने दो लाख कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने की योजना बनाई है। इसके तहत दीनदयाल अंत्योदय समितियों का पुनर्गठन किया जाएगा, जो प्रशासनिक अधिकार और सरकारी योजनाओं की निगरानी का काम करेंगी। वहीं, कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी देने के साथ-साथ उन्हें यात्रा भत्ता और दैनिक भत्ते भी दिए जाएंगे।(Reconstitution of Committee)
पहले चरण में गांव से लेकर भोपाल तक समितियों का गठन
बता दें कि, पहले चरण में गांव से भोपाल तक दीनदयाल अंत्योदय समितियों का गठन किया जाएगा। साथ ही, इन्हें मध्य प्रदेश दीनदयाल अंत्योदय कार्यक्रम का क्रियान्वयन अधिनियम 1991’और 20 सूत्रीय कार्यक्रम एवं क्रियान्वयन कमेटी के तहत अधिकार संपन्न बनाया जाएगा। वहीं एक्ट होने के कारण इन समितियों को कई तरह के प्रशासनिक अधिकार भी मिल जाएंगे। इसके बाद सहकारी समितियों के चुनाव करवाकर गांव से लेकर भोपाल तक की सहकारी समितियों में कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।(Reconstitution of Committee)
एससी वर्ग के लिए आरक्षित होंगे पद
सत्ता में कार्यकर्ताओं की भागीदारी बढ़ाने के मॉडल पर काम कर रही बीजेपी सरकार ने सरकारी योजनाओं की राजधानी से ग्राम पंचायत स्तर तक निगरानी के लिए दीनदयाल अंत्योदय समितियों के पुनर्गठन का रास्ता साफ कर दिया है। दीनदयाल अंत्योदय समितियों में राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री और जिला स्तर पर प्रभारी मंत्री अध्यक्ष होंगे। हर स्तर पर गठित समितियों में एससी और एससी वर्ग की महिलाओं के लिए पद आरक्षित रहेंगे।(Reconstitution of Committee)
जनसंख्या के अनुपात में दिया जाएगा प्रतिनिधित्व
राज्य स्तरीय समिति में यथासंभव इस वर्ग की प्रदेश में जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। इसके द्वारा पांच लाख बीजेपी कार्यकर्ताओं को सत्ता में भागीदार बनाया जाएगा। वर्ष 1991 में बीजेपी की सरकार के दौरान ये समितियां काम करती थीं। नए मॉडल में समितियां राज्य, जिला, नगर, विकासखंड और ग्राम पंचायत स्तर पर होंगी। प्रदेश में पंचायतों की बड़ी संख्या होने और जिला व राज्य स्तर पर इन समितियों के गठन से बीजेपी से जुड़े 2 लाख से ज्यादा कार्यकर्ता इस काम से जुड़ जाएंगे। इन्हें सरकारी योजनाओं की निगरानी और सलाह के अधिकार होंगे।