श्योपुर। कूनो नेशनल पार्क से एक और बुरी खबर सामने आई है। जहां नर चीते पवन की नाले में डूबने से मौत हो गई। नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे, जिसमें से पिछले लगभग दो सालों में आठ चीतों की मौत हो चुकी है। चीतों के अलावा कूनो में तीन मादा चीता के कुल 12 शावक हैं। केवल पवन चीता ही कूनो के खुले जंगल में था, इसके अलावा सभी चीते और शावक बड़े बाड़े मे बंद हैं।(Leopard death)

‘नाले के किनारे झाड़ियों के बीच पड़ा मिला चीता’

एक अधिकारी के मुताबिक मंगलवार सुबह लगभग साढ़े 10 बजे नामीबियाई नर चीता पवन एक नाले के किनारे झाड़ियों के बीच बिना किसी हलचल के पड़ा हुआ पाया गया। जहां बारिश के कारण नाला लबालब भरा हुआ था।(Leopard death)

पानी के अंदर था चीते पवन का सिर

जिसके बाद पशु चिकित्सकों को सूचित किया गया और करीब से निरीक्षण करने पर पता चला कि सिर समेत शरीर का अगला हिस्सा पानी के अंदर था और शरीर पर कहीं भी कोई बाहरी चोट नहीं दिखी। प्रारंभिक तौर पर मौत का कारण डूबने से लग रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की जानकारी पता चलेगी।(Leopard death)

पचमढ़ी में पर्यटन विभाग की अभिनव पहल, महिलाओं को सौंपी जाएगी होटल अमलतास की कमान

अगले महीने पूरे होंगे चीता प्रोजेक्ट को दो साल

17 सिंतबर 2022 को नामीबिया से लाकर 8 चीतों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था। इसके बाद 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे। कुल 20 चीतों में से अब तक 8 चीतों की बीमारी और हादसे के चलते मौत हो गई। जबकि आशा, ज्वाला और गामिनी द्वारा जन्मे कुल 12 शावक अभी जीवित हैं।