जबलपुर…जो कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की मुख्य खंडपीठ है। इसीलिए इस शहर को न्यायाधानी के नाम से भी जाना जाता है, लेकिन हम आपको बताएंगे कि जबलपुर में हाईकोर्ट के अलावा भी एक और ऐसी अदालत है, जिनके समक्ष लोग अपनी अर्जी लगाते हैं। इस अदालत में लोगों के उन मामलों की सुनवाई होती है जिनका इंसाफ कोई और नहीं कर सकता। जहां अदालत में अर्जी लिखी भी जाती है और जज साहब के सामने पढ़ कर सुनाई भी जाती है और तो और कोर्ट की फीस भी चुकाई जाती है, लेकिन फैसला केस के गुण-दोष के आधार पर कभी जल्दी तो कभी देर से आता है।(Jabalpur Court)

इस मंदिर में भी होता है इंसाफ

हम बात कर रहे हैं जबलपुर के सिद्ध गणेश मंदिर की। जिसके जज होते हैं प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता भगवान गजानन। आज के इस खास मौके पर हम आपको बताएंगे कि विघ्नहर्ता की इस अदालत में कैसे इंसाफ होता है? दरअसल, इस अदालत में फैसला तो होता है लेकिन तरीका थोड़ा अलग है। जैसे कि हाथों में फाइलों की जगह नारियल, वकील की जगह पुजारी और जज के स्थान पर भगवान श्री गणेश। ग्वारीघाट के पास बना ये सिद्ध गणेश मंदिर किसी अदालत से कम नहीं है। यहां फैसला खुद भगवान गणपति करते हैं।(Jabalpur Court)

दीन-दुखियों की अर्ज़ियां सुनते बीतता है दिन

सिद्ध मंदिर में विराजे गणपति के पास बिल्कुल भी समय नहीं रहता। उनका पूरा दिन दीन-दुखियों की अर्जियों को सुनने में ही बीत जाता है। लोग सुबह से लेकर रात तक भगवान गणेश की अदालत में अपनी मनोकामना की अर्जी लगाते हैं। सिद्ध गणेश मंदिर के प्रधान पुजारी बताते हैं कि इस मंदिर में मजदूर से लेकर जज तक अर्जी लगाने आ चुके हैं। कोई नौकरी के लिए अर्जी लगाता है, तो कोई संतान प्राप्ति के लिए। यहां भक्त अपनी हर तरह कि मनोकामना के लिए एक रजिस्टर में अपनी अर्जी लिखवाते हैं जिसे मंदिर के पुजारी भगवान गणेश के सामने पढ़ कर सुनाते हैं। और हां इस न्यायालय की फीस के रूप में एक नारियल भेंट किया जाता है।(Jabalpur Court)

लोगों की है अटूट श्रद्धा

इस सिद्ध गणेश मंदिर में लोगों की भी अटूट श्रद्धा है। यहां रोजाना हजारों भक्त भगवान गणेश के दर्शन के लिए आते हैं और अपनी मनोकामना प्राप्ति के लिए अर्जियां लगाते हैं। लोगों का कहना है कि भगवान गणेश की उन पर ऐसी कृपा रही कि हर काम आसानी से हो जाते हैं। ऐसी ही मान्यताओं के चलते मंदिर की प्रसिद्धि भी दिन-ब-दिन आसमान छू रही है और मंदिर में बप्पा के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।(Jabalpur Court)

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पर्ची पर मनोकामना लिखकर की जाती है अर्पित

इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु अपनी मनोकामना पर्ची पर लिखकर एक नारियल समेत मंदिर में अर्पित कर देते हैं। मंदिर प्रबंधन द्वारा पर्ची पर लिखी मनोकामना को एक रजिस्टर में व्यक्ति के नाम और पते के साथ लिख लिया जाता है। इसके बाद पर्ची और नारियल गणेश जी के सामने रखा जाता है। माना जाता है कि पर्ची पर लिखी मनोकामना गणेश जी पूरी करते हैं और मनोकामना पूरी होने के बाद लोग आकर अपनी मन्नत के अनुसार गणेश जी की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। अब तक इस मंदिर मे 1 लाख 23 हज़ार 111 अर्जियां लग चुकी हैं।