भोपाल। प्रदेश की मोहन सरकार ने किसानों को मोटे अनाज पर 10 रुपए प्रति किलो प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है। दरअसल वर्ष 2023 को मिलेट्स वर्ष घोषित किया गया था, जिसमें जागरूकता और प्रोत्साहन के लिए प्रदेशभर में कई आयोजन हुए। इसके बाद भी राज्य में कुल खाद्यान्न उत्पादन क्षेत्र के सिर्फ साढ़े तीन फीसदी हिस्से में ही मोटे अनाज की खेती की जा रही है। ऐसे में सरकार प्रोत्साहन राशि देकर कृषकों को श्रीअन्न उपजाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।(Incentive to farmers)
6 लाख 20 हजार हेक्टेयर में उगाया जा रहा मोटा अनाज
मध्य प्रदेश में 6 लाख 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मोटा अनाज उगाया जा रहा है। यह आंकड़ा वर्ष 2023-24 का है।वहीं 2021-22 में यह क्षेत्र 5 लाख 55 हजार हेक्टेयर था। हालांकि, उत्पादन के हिसाब से मध्य प्रदेश देश में पांचवें स्थान पर है। प्रदेश में 2019-20 में 8.96 लाख टन मोटे अनाज का उत्पाद हुआ था जो कि वर्ष 2023-24 में बढ़कर 12.68 लाख टन हो गया। इस समय प्रदेश में सबसे अधिक लगभग 60 फीसदी बाजरा उगाया जा रहा है।(Incentive to farmers)
कई जिलों में होता है श्रीअन्न का अधिक उत्पादन
बता दें कि, प्रदेश के महाकोशल के मंडला, डिंडोरी, बालाघाट आदि जिलों में श्रीअन्न का ज्यादा उत्पादन होता है।उत्पादन क्षेत्र नहीं बढ़ने की बड़ी वजह यह भी है कि प्रदेश में इसकी बड़ी खाद्य प्रसंस्करण इकाई नहीं हैं। जहां देशभर में कुल खाद्यान्न उत्पादन के 10 फीसदी हिस्से में मोटा अनाज उगाया जा रहा है। वहीं राजस्थान में सबसे ज्यादा 33 और कर्नाटक में कुल खाद्यान्न 23 फीसदी क्षेत्र में श्रीअन्न का उत्पादन किया जा रहा है।(Incentive to farmers)
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मोटे अनाजों के उत्पादन को लेकर प्रयास
मोटे अनाजों के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन को लेकर जनवरी 2023 में मंडल में दो दिवसीय मिलेट्स सम्मेलन का आयोजन किया गया था। अब वर्ष 2024-25 के बजट में डिंडोरी में श्रीअन्न अनुसंधान संस्थान बनाने की घोषणा की गई है।विधानसभा समेत कई प्रमुख स्थानों की कैंटीन में मोटे अनाजों से व्यंजन बनाए जा रहे हैँ। फसल उत्पादन, भंडारण, प्रसंस्करण, मार्केटिंग, उपार्जन, ब्रांड बिल्डिंग के साथ वैल्यू चेन विकसित की जाएगी।