भोपाल। कोरोना महामारी के कहर से दुनिया अभी पूरी तरह उबर नहीं पाई थी कि HMPV नाम के इस नए वायरस ने लोगों में फिर डर पैदा कर दिया। लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या एक बार फिर दुनिया कोरोना जैसी महामारी की चपेट में आ जाएगी? इस बीच कर्नाटक सरकार की ओर से कहा गया है कि HMPV को लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है। यह कोरोना जितना खतरनाक नहीं है। (HMPV Virus Update)
HMPV कोई नया वायरस नहीं
बेंगलुरु में आज एचएमपीवी के दो मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार ने ये बात कही। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हमें घबराना चाहिए, क्योंकि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। वायरस देश में पहले से ही मौजूद है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह भारत में एचएमपीवी का पहला मामला है, जो सच नहीं है क्योंकि एचएमपीवी वायरस देश में पहले से ही मौजूद है और कुछ प्रतिशत लोग इस वायरस से संक्रमित होते हैं तथा यह कोई नई बात नहीं है।’ (HMPV Virus Update)
उन्होंने कहा कि दोनों ही संक्रमित बच्चे देश से बाहर नहीं गए। वे चीन या किसी दूसरे देश से नहीं आए। उनका परिवार यहीं का रहने वाला है। इस सबको देखते हुए चीन में फैल रहे वायरस से इसका कोई संबंध है, मुझे नहीं लगता। मंत्री ने आगे कहा कि चीन में एचएमपीवी के प्रकोप का कारण वायरस का एक नया स्वरूप है। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास पूरी जानकारी नहीं है और भारत सरकार ने अब तक हमें पूरी जानकारी नहीं दी है। शायद वे और अधिक जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहे हैं।’
मंत्री ने कहा, ‘एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है, यह लंबे समय से मौजूद है। इसके संक्रमण से आमतौर पर सर्दी, फ्लू या खांसी जैसे सामान्य लक्षण पैदा होते हैं। यह ऐसा वायरल संक्रमण है जो बिना उपचार के कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। यह कुछ समय बाद खत्म हो जाता है। मुझे नहीं लगता कि हमें इसे पहला मामला कहना चाहिए।’
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बता दें कि सोमवार (06 जनवरी) सुबह कर्नाटक में 3 महीने की बच्ची और 8 महीने के बच्चे में यह वायरस मिला था। स्वास्थ्य मंत्री गुंडू ने कहा कि नमूनों की जांच सरकारी लैब में नहीं बल्कि हॉस्पिटल की लैब में की गई थी, सरकारी लैब में नहीं। संक्रमण की पुष्टि का इंतजार किया जा रहा है।
राव ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चीन में इस वायरस की मौजूदा स्थिति पर नज़र रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि मैंने अपने अधिकारियों को आईसीएमआर और भारत सरकार के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया है।
क्या है HMPV वायरस?
HMPV एक RNA वायरस है, जिससे सर्दी जैसे लक्षण पैदा होते हैं। इससे खांसी या गले में खराश या घरघराहट हो सकती है। नाक बहना भी इसका एक बड़ा लक्षण हो सकता है। इस वायरस का जोखिम ठंड के मौसम में ज्यादा होता है। यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। संक्रमित होने के 3 से 5 दिनों में इस वायरस के लक्षण दिखने लगते हैं।
सरकार ने जारी की एडवाइजरी
केंद्र सरकार ने इसकी एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि इस वायरस से संक्रमित होने से बचने के लिए खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को रूमाल या टिशू पेपर से ढकें। अपने हाथों को लगातार साबुन से धोते रहें या फिर अल्कोहल वाले सैनिटाइजर से धोएं। भीड़ वाली जगहों पर जानें से बचें। बुखार,खांसी और छींक आने पर सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें। खूब पानी पिएं और पौष्टिक भोजन ग्रहण करें।
इसके साथ ही सरकार की ओर से संक्रमण से बचने के लिए क्या न करने के बारे में भी बताया गया है। जिसके मुताबिक, टिशू पेपर और रूमाल का दोबारा इस्तेमाल न करें। बीमार लोगों के साथ संपर्क में न रहें और उनके सामान यानि तौलिये, कपड़े का इस्तेमाल न करें। बार-बार आंख, नाक और मुंह को न छुएं। सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें। डॉक्टरों से परामर्श किए बिना खुद से दवा न लें।