कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां के आदिवासी गर्ल्स हॉस्टल कैंपस में एक नवजात बच्ची पड़ी हुई मिली है। जिसके बाद छात्राओं ने इसकी जानकारी वॉर्डन को दी। जांच करने पर वार्डन ने एक छात्रा की हालत देखकर बच्चा उसका होने का संदेह जताया। हालांकि, संबंधित छात्रा ने इससे इनकार कर दिया। (Chhattisgarh News)
वहीं छात्रा के परिजन से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने कभी प्रेग्नेंट होने की बात हमसे शेयर नहीं की। मिली जानकारी के मुताबिक नवजात मेडिकल कॉलेज में भर्ती है, जहां उसका इलाज चल रहा है। उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। वहीं, कलेक्टर ने इस मामले में बड़ा कदम उठाते हुए हॉस्टल वार्डन को सस्पेंड कर दिया है। (Chhattisgarh News)
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हॉस्ट वॉर्डन ने के मुताबिक, बच्चे के रोने की आवाज सुनकर हॉस्टल की अन्य छात्राओं ने वहां जाकर देखा तो नवजात हॉस्टल कैंपस में पड़ी हुई थी। जांच के दौरान यह सामने आया कि 11वीं की एक छात्रा ने प्रसव होने के बाद बाथरूम की खिड़की से उसे नीचे फेंक दिया गया था।
उन्होंने आगे बताया कि घटना के सामने आने के बाद उसने छात्रावास में सभी बच्चों से पूछताछ की। जहां एक छात्रा की तबीयत खराब होने की बात सामने आई। जिसके बाद उसे पौड़ी उपरोड़ा स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। जहां जांच में सामने आया कि उसकी डिलीवरी हुई है।
वहीं मेडिकल कॉलेज में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश वर्मा ने बताया कि नवजात लगभग 7 से 8 महीने की है। ऑक्सीजन की कमी के कारण कुछ समस्याएं हैं, इसलिए प्रीमेच्योर बच्ची को विशेष नवजात शिशु वार्ड में भर्ती किया गया है।
उधर, इस मामले में कलेक्टर अजीत वसंत ने स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास विभाग को कार्रवाई के लिए निर्देश दिया है। वहीं हॉस्टल वार्डन जयकुमारी रात्रे को काम में लापरवाही पाए जाने पर निलंबित कर दिया गया है।