रायपुर। छत्तीसगढ़ में लाल आतंकवाद खात्मे की ओर है। केंद्र और राज्य सरकार की मंशानुसार एंटी नक्सल ऑपरेशन के तहत सुरक्षाबल एक के बाद नक्सलियों को ढेर कर रहे हैं। इसी क्रम में 15 नवंबर की शाम से 19 नवंबर की सुबह तक चले ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने कांकेर और नारायणपुर जिले की बॉर्डर पर 5 इनामी नक्सलियों को मार गिराया। इसके बाद वह उनके शव को जिला मुख्यालय तक लेकर आए। (Soldier Dance Video)
जवानों ने 100 घंटे तक चले इस अभियान की सफलता का जमकर जश्न मनाया है जिसका वीडियो सामने आया है। जिसमें ऑपरेशन में शामिल सैंकड़ों जवान हाथ में AK-47, इंसास, SLR जैसे हथियार पकड़कर स्थानीय बोली के गानों पर जमकर थिरकते नजर आ रहे हैं। (Soldier Dance Video)
देखें वीडियो…
नक्सली भी मनाते हैं जश्न
दरअसल, नक्सली भी जब अपने किसी अभियान में सफल हो जाते हैं तो वो भी जवानों के शहीद होने पर जश्न मनाते हैं। 2013 में झीरम घाटी में 33 नेता और जवानों की हत्या करने के बाद भी नक्सलियों उनके शवों के पास नाचकर, नरसंहार का जश्न मनाया था। इसके अलावा भी नक्सलियों के जवानों की शहीद होने पर जश्न मनाने के वीडियो कई बार वायरल हुए हैं।
लगातार कार्रवाई से दहशत में नक्सली, सुरक्षाबलों से हाथ जोड़कर की ये अपील…
इसके बाद अब जब भी नक्सलियों के खिलाफ जवानों को कोई सफलता मिलती है तो वह भी जमकर जश्न मनाते हैं। कांकेर-नारायणपुर मुठभेड़ में भी यही देखा गया। जवानों का कहना है कि नक्सली हमारे साथियों और निर्दोष लोगों को मारकर जश्न मनाते हैं। जिसके जवाब में हम भी उनके खिलाफ मिली सफलता का जश्न मनाते हैं। हमारे अंदर भी गुस्से की ज्वाला भड़कती है। जब भी हमारा उनसे आमना-सामना होता है तो मन में एक ही ख्याल आता है कि या तो मरेंगे या फिर मारेंगे।
वहीं, जवानों के जश्न का एक मनोवैज्ञानिक कारण भी है और तनाव का खात्मा। दरअसल, हथियार, जरुरी सामान और 4-5 दिनों तक जंगलों में कई किलोमीटर तक घूमने की वजह से जवान तनाव में आ जाते हैं। ऐसे में अपने दिमाग को संतुलित रखने और रिलेक्स महसूस करने के लिए नाच-गाकर मन को थोड़ा शांत रखते हैं।