सतना। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने चित्रकूट दौरे के दूसरे दिन भगवान कामतानाथ की शरण में पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी पत्नी के साथ पूजा-अर्चना की और कामदगिरी की पंच कोसी (पांच किलोमीटर) परिक्रमा भी की। इस दौरान उनके साथ डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल भी मौजूद रहे। (CM Dr. Mohan Yadav)
बता दें कि सीएम बनने के बाद मोहन यादव की यह पहली कामदगिरी की परिक्रमा है, जिसे लेकर बीजेपी कार्यकर्ता जगह-जगह उनके स्वागत में जुटे हुए हैं। (CM Dr. Mohan Yadav)
आज प्रातः प्रभु श्रीराम की पावन तपस्थली चित्रकूट में सपत्नीक भगवान कामतानाथ मंदिर में दर्शन-पूजन कर समस्त प्रदेश वासियों के कल्याण की कामना की।
भगवान कामतानाथ जी की कृपा से सभी के जीवन में सुख, शांति व समृद्धि का वास हो, यही प्रार्थना है। pic.twitter.com/064qxPSROB
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 27, 2024
‘अयोध्या की तरह होगा चित्रकूट का विकास’, अंतरराष्ट्रीय रामलीला उत्सव के समापन पर बोले CM मोहन यादव
पत्नी के साथ की परिक्रमा
चित्रकूट के डीआरए संस्थान के आरोग्य धाम में रात्रि विश्राम करने के बाद रविवार की सुबह मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपनी पत्नी के साथ (सपत्नीक) भगवान कामतानाथ भगवान के दरबार में पहुंचकर माथा टेका। मंदिर के पुजारी व साधू संतों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधि-विधान से पूजा कराई और परिक्रमा शुरू की।
#WATCH | Madhya Pradesh CM Mohan Yadav visits Kamadgiri Temple, Chitrakoot pic.twitter.com/ClzKnDW5mn
— ANI (@ANI) October 27, 2024
सुरक्षा के हुए पुख्ता इंतजाम
सीएम के कार्यक्रम को देखते हुए परिक्रमा मार्ग में सुरक्षा के कड़े और व्यापक इंतजाम किए गए हैं। परिक्रमा का कुछ हिस्सा यूपी में भी आता है इसलिए दोनों राज्यों के पुलिस के जवान परिक्रमा मार्ग में जगह-जगह तैनात रहे। साथ ही मार्ग की 80 सीसीटीवी कैमरों के साथ निगरानी की गई।
लाठी भांजकर दिखाया जौहर
इससे पहले शनिवार को चित्रकूट पहुंचे सीएम मोहन यादव ने अंतरराष्ट्रीय रामलीला के समापन समारोह में शिरकत की। रामनाथ आश्रम पहुंचे सीएम बच्चों के लाठी के साथ किए गए प्रदर्शन को देखकर इतने प्रभावित हुए कि उन्होने बच्चों को गोद में उठा लिया।
इस दौरान सीएम ने खुद भी लट्ठ भांजकर परंपरागत तरीके से कला प्रदर्शन करने लगे। मुख्यमंत्री को इस तरह से लाठी घुमाता देख वहां मौजूद लोगों ने दांतों तले उंगलियां दबा लीं।
अपनी भावी पीढ़ी को पारंपरिक आत्मरक्षा पद्धति से परिचय कराने का सुखद अनुभव… pic.twitter.com/r9cHY4o7kj
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 26, 2024
बता दें कि सनातन काल से चली आ रही लट्ठ घुमाने की परंपरा यदुवंशियों की संस्कृति में अहम स्थान रखती है। इस कला का प्रदर्शन कर लोग अपनी विरासत को जीवंत रखते हैं। इसी वंश से आने वाले सीएम डॉ. यादव ने भी इस परंपरा का सम्मान करते हुए लट्ठ भांजकर अपनी उसी कला का शानदार प्रदर्शन किया।