भोपाल। शिक्षक दिवस…जिसको हम अमूमन स्कूल या कॉलेज में हमें शिक्षा देने वाले शिक्षक के लिए मनाते हैं, हमें ज्ञान और शिक्षा देने के लिए उनका आभार जताते हैं। सही मायनों में अगर देखा जाए तो हमारी जिंदगी में हर वो शख्स शिक्षक है, जिसने बुरे वक्त में साथ दिया और जिसने नहीं भी दिया वो भी जिंदगी के लिए एक शिक्षक ही है।(Teacher’s Day Special)

बच्चे की पहली शिक्षक होती है मां

जब बच्चे का जन्म होता है तो उसकी सबसे पहली शिक्षक उसकी मां होती है, फिर पिता…इसी तरह जैसे-जैसे बच्चा अपनी उम्र की सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ता जाता है उसके शिक्षक भी हर मोड़ पर बनते जाते हैं। जिनमें से कुछ अच्छी सीख देते हैं, तो कुछ बुरी। शिक्षा और ज्ञान का कोई पैरामीटर नहीं होता। वो बस हर सूरत में शिक्षा ही होती है। शिक्षक दिवस के इस मौके पर आज हम एक ऐसे गांव की बात करेंगे जहां हर घर में एक शिक्षक है, हालांकि सीख देने वाले नहीं बल्कि स्कूल में पढ़ाकर हमारे भविष्य को सही दिशा देने वाले हैं।(Teacher’s Day Special)

साढ़े पांच हजार की आबादी में लगभग 500 शिक्षक

नरसिंहपुर जिले के सिंहपर गांव की आबादी करीबन साढ़े पांच हजार है। जिसमें लगभग 500 लोग शिक्षक हैं। इतना ही नहीं गांव में एक ऐसा भी परिवार है जहां 10 शिक्षक हैं। ग्रामीणों ने बताया कि यहां बहुत से ऐसे शिक्षक हैं, जिन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका हैं। इस गांव के शिक्षकों की कहानियां काफी प्रेरणादायक हैं, इनका समर्पण गांव को एक शिक्षा का केंद्र बना देता है।(Teacher’s Day Special)

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बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए शिक्षकों का योगदान अहम

गौरतलब है कि, भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर हर साल शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन न सिर्फ महान शिक्षाविद् डॉ. राधाकृष्णन की विरासत का सम्मान करता है, बल्कि देशभर के शिक्षकों की लगन और कड़ी मेहनत को भी नमन करता है, क्योंकि हमारे जीवन को आकार देने और बेहतर भविष्य का निर्माण करने में शिक्षकों का अहम योगदान होता है। शिक्षक हमें सीखने, बढ़ने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं। हमारी शैक्षिक यात्रा के दौरान मार्गदर्शन, समर्थन और प्रोत्साहन देते हैं। इसलिए आज देश में हर जगह शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है।