रायपुर। राजधानी रायपुर में बुधवार यानी आज होने वाला छत्तीसगढ़ दिव्यांग संघ (CM Vishnudev Sai) का आंदोलन स्थगित हो गया है। सीएम विष्णुदेव साय के आश्वासन के बाद संघ ने ये फैसला लिया था। बता दें कि छत्तीसगढ़ दिव्यांग संघ ने बुधवार को राज्य स्तरीय पैदल मार्च का आयोजन किया था। इस प्रदर्शन में प्रदेश के लगभग सभी जिलों से हजारों दिव्यांग शामिल होने वाले थे। यह पैदल मार्च सुबह 10 बजे से तेलीबांधा चौके से होते हुए सीएम आवास तक होने वाला था।
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इससे पहले मंगलवार को संघ (CM Vishnudev Sai) के पदाधिकारियों ने सीएम साय के साथ मुलाकात की। जिसमें सीएम के आश्वासन के बाद संघ ने अपना आंदोलन स्थगित करने का फैसला लिया।
सरकार ने मांगा 1 महीने का समय
दिव्यांग सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष के मुताबिक सरकार की ओर से उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया है। इसके लिए सीएम साय ने 1 महीने का समय मांगा है। संघ के अध्यक्ष का कहना है कि सरकार ने हमसे हमारी मांगों को जल्द ही पूरा करने करने की बात कही है। यदि सरकार द्वारा हमारी मांगें पूरी नहीं की जाती तो हम पैदल मार्च निकालेंगे। इसके साथ सीएम ने फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाकर सरकारी नौकरी पाने के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने का भी आश्वासन दिया है। ऐसे में अब उन लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होने जा रही है जो गलत तरीके से दिव्यांगता का सर्टिफिकेट बनवाकर सरकारी नौकरी कर रहे हैं।
ये हैं संघ की मांगें
- सरकारी नौकरी में फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट से नौकरी कर रहे लोगों का मेडिकल बोर्ड के सामने दिव्यांगता का फिजिकल टेस्ट कराया जाए।
- फर्जी दिव्यांग साबित हो चुके जांजगीर जिले के व्याख्याता सत्येन्द्र सिंह चंदेल और जिला मुंगेली के व्याख्याता अक्षय सिंह राजपूत तुरंत नौकरी से बर्खास्त किया जाए।
- इसके साथ जो सहायक संचालक कृषि महासमुंद, रिचा दुबे जो कि बर्खास्त हो चुकी है, उन पर तत्काल एफआईआर दर्ज हो।
- जो सही तौर पर दिव्यांग हैं, उन शासकीय अधिकारी-कर्मचारी को केन्द्र के सामान 4 प्रतिशत पदोन्नति में आरक्षण दिया जाए। जिसकी गिनती केन्द्र के सामान 1 जनवरी 2016 से किया जाए।
- राज्य में दिव्यांगों को मिलने वाली पेंशन बढ़ाई जाए। यहां वर्तमान में केवल 500 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलती है। वहीं, अन्य कई राज्यों में यह 3500 से लेकर 4072 रुपए तक प्रतिमाह तक है। राज्य में मिलने वाली पेंशन 500 रूपये से बढ़ाकर 5000 रुपए प्रतिमाह की जाए। इसके साथ ही पेंशन के लिए बीपीएल की बाध्यता खत्म हो।
- दिव्यांगता के कारण जिन दिव्यांग बहनों का विवाह नहीं हो पा रहा। उन्हें महतारी वंदन योजना का लाभ दिया जाए।
- विभागों के गलत पत्राचार और धारा 51 की जगह 91 का उल्लेख होने से जिन 10 से 20 लोगों को कोर्ट से स्टे मिला है। इसका निपटार तत्काल करने के लिए क समिति का गठन किया जाए। इसके लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के परिपत्र क्रमांक 18-04/2011/9/17 डेट 25.02.2011 का यूज किया जाए।
- राज्य शासन फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनने से रोकने के लिए सख्त नियम जारी करे। जो भी इसमें शामिल हों उसे 7 साल सजा और 50 लाख रुपए जुर्माना लगाया जाए।
- सभी भर्ती परीक्षा में अंकित किया जाए कि दिव्यांग सीट पर चुने गए उम्मीदवार की डिसेबिलिटी का फिजिकल टेस्ट किसी सक्षम बोर्ड से कराने के बाद ही उसे ज्वाइनिंग दी जाए।
- इसके साथ ही भविष्य में उसके खिलाफ शिकायत होने पर संभाग और राज्य मेडिकल बोर्ड से दोबारा दिव्यांगता का फिजिकल टेस्ट कराने का प्रावधान हो।