रायसेन। जिले के सामान्य वन मंडल के अंतर्गत आने वाली पूर्व रेंज की नीमखेड़ा बीट पर बीती रात नीमखेड़ा निवास 62 वर्षीय मनीराम जाटव की वन्य पशु के हमले में मौत हो गई। इस क्षेत्र में अक्सर टाइगर का मूवमेंट बना रहता है घटना के बाद वन अमलेश सहित पुलिस का दस्ता मौके पर पहुंचा। शव की शिनाख्त करने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

बुधवार को देर रात 2:00 के आसपास नीमखेड़ा निवासी 62 वर्षीय मनीराम जाटव की वन्य पशु के हमले में मौत हो गई सुबह जब ग्रामीण इस और निकले तो देर दोपहर मृतक का शव जंगल में पाया गया ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन अमले को तुरंत दी जिसके बाद वन विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और वन्य जीव के पद चिन्हों की पहचान में जुट गए। वहीं पुलिस ने शव की शिनाख्त नीमखेड़ा निवासी 62 वर्षीय मनीराम जाटव के रूप में की गई। मनीराम नीमखेड़ा के जंगलों में तेन्दूपत्ते का संग्रहण करने के लिया गया हुआ था देर रात तक बुजुर्ग के घर ना आने पर परिजनों ने बुजुर्ग की तलाश शुरू कर दी। जिसके बाद शाम लगभग 4 बजे मनीराम का शव नीमखेड़ा के जंगलों मे मिला। शव पर वन्य जीव के हमले के घातक निशान मिले।

टाइगर का मूवमेंट
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से रायसेन सामान्य वन मण्डल की पूर्व और पश्चिम रेंज मे रातापानी अभ्यारण से आए हुए युवा टाइगर का मूवमेंट बना हुआ है वहीं इस क्षेत्र में तेंदुए को आए दिन देखा जाता है ऐसे में ग्रामीणों द्वारा कयास लगाया जा रहा है कि मृतक पर टाइगर ने हमला किया है वहीं ग्रामीणों को डर है कि वन्य जीव अब आदमखोर हो गए हैं ऐसे में लोगों का अकेले जंगल में जाना खतरे से खाली नहीं है।

कहीं पर भी अकेले ना जाएं
इस संबंध में वन विभाग के उपवन मंडल अधिकारी सुधीर पटले ने जानकारी देते हुए बताया कि बीती रात नीमखेड़ा निवासी मनीराम जाटव पर जंगली जानवर द्वारा हमला किया गया है वन्य जीव के खतरे को देखते हुए ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि वह तेंदूपत्ता संग्रहण के दौरान वन क्षेत्र में अकेले ना जाएं अगर कहीं पर भी टाइगर दिखाई दे तो इसकी सूचना तुरंत ही वन विभाग को दें।