भोपाल। जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने मध्यप्रदेश के 28वें चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ ग्रहण कर ली है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राजभवन में आयोजित समारोह में उन्हें शपथ दिलाई। इस समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव वीरा राणा समेत कई नेता और ऑफिसर भी मौजूद रहे। (MP Chief Justice Suresh Kumar Jait)
राजभवन, भोपाल में आयोजित मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस श्री सुरेश कुमार कैत जी का शपथ ग्रहण समारोह#JansamparkMP https://t.co/GqCPbjS4FY
— Jansampark MP (@JansamparkMP) September 25, 2024
सुप्रीम कोर्ट काॉलेजियम ने मंगलवार (17 सिंतबर ) को उनके नाम की अनुशंसा (Recommendation) की थी। इससे पहले जुलाई में कॉलेजियम ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जीएस संधावालिया को MP High Court का Chief Justice बनाने की अनुशंसा की थी।अब उस आदेश को संशोधित करते हुए कॉलेजिम ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पद के लिए जीएस संधावालिया की जगह सुरेश कुमार कैत का नाम अनुशंसित किया। (MP Chief Justice Suresh Kumar Jait)
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अनुसूचित जाति से आने वाले जस्टिस कैत को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के लिए अनुशंसित करते हुए कॉलेजियम ने कहा था कि ऑल इंडिया सीनियोरिटी लिस्ट ऑफ हाई कोर्ट जजेस की सूची में जस्टिस कैत पांचवें स्थान पर हैं। इस तरह वे मप्र हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा से भी वरिष्ठ हैं।
कौन हैं जस्टिस कैत?
हरियाणा के कैथल जिले में सुरेश कुमार कैत ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से मानविकी और राजनीति विज्ञान में स्नातक और स्नातकोत्तर किया है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। अपने परिवार में पहले वकील कैत ने केंद्र सरकार के लिए स्थायी वकील के तौर पर काम किया। वह साल 2013 में दिल्ली हाई कोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने।
इन प्रमुख मामलों की सुनवाई में रही भूमिका
जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के मामले में चीफ जस्टिस कैत ने सुनवाई की और अहम आदेश जारी किए। इसके अलावा सीएए विरोध के मामले में उन्होंने सुनवाई की। पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन यानी पीआईएल पर न्यायमूर्ति कैत ने कई आदेश दिए, जिनमें सार्वजनिक अधिकारों और हितों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया।