भोपाल। आज भोपाल के प्रशासन अकादमी में राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। समारोह में राज्यपाल मंगूभाई पटेल और सीएम डॉ. मोहन यादव ने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार करने वाले प्रदेश के 14 शिक्षकों को सम्मानित किया। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश के 54 लाख स्टूडेंट्स को यूनिफॉर्म (गणवेश) के लिए सिंगल क्लिक के जरिए 324 करोड़ रुपये की राशि वितरित की। कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, एसीएस जेएन कंसोटिया, लोक शिक्षण आयुक्त शिल्पा गुप्ता, स्कूल शिक्षा सचिव संजय गोयल भी मौजूद रहे। (CM Dr. Mohan Yadav)
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ये शिक्षक हुए सम्मानित
कार्यक्रम में शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार करने के लिए सम्मानित होने वाले प्राइमरी और मिडिल स्कूल के शिक्षक हैं – दमोह जिले की शीला पटेल, शाजापुर जिले के वैभव तिवारी, ग्वलियर जिले के बृजेश कुमार, छिंदवाड़ा जिले के राकेश कुमार मालवीय, गुना जिले के राजीव कुमार शर्मा, राजगढ़ जिले के सुरेश कुमार दांगी, खण्डवा जिले की नीतू ठाकुर और सिवनी जिले के संजय कुमार रजक। (CM Dr. Mohan Yadav)
वहीं हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी के टीचर्स हैं – इंदौर जिले के जगदीश सोलंकी, छिंदवाड़ा जिले की अमिता शर्मा, मंदसौर जिले की कीर्ति सक्सेना, भोपाल जिले के राजेन्द्र जसूजा, उज्जैन जिले की ज्योति तिवारी, शहडोल जिले की अंजना द्विवेदी। सभी शिक्षकों को सम्मान राशि में 25 हजार रुपए, शॉल, श्रीफल और प्रशस्ति-पत्र दिया गया।
राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 पाने वाले शिक्षक सारिका घारू (जिला होशंगाबाद) और सीमा अग्निहोत्री (जिला रलताम) को सम्मानित किया गया। इन शिक्षकों को सम्मान में 11 हजार रुपए, शॉल, श्रीफल एवं प्रशस्ति-पत्र दिया गया।
इनके अलावा राष्ट्रीय इंस्पायर अवार्ड प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी दीपक वर्मा को विशेष सम्मान निधि से सम्मानित किया गया। वहीं, इंस्पायर अवार्ड प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर पांचवे स्थान पर रहीं शिरोमणि दहीकर और 31वें स्थान पर रहे आरूष नाग एवं उनके गाइड शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया।
‘गुरु हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं’ – सीएम
कार्यक्रम में सीएम डॉ. मोहन यादव ने जीवन में गुरु की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वे गुरु ही हैं, जो हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें जब-जब चुनौती मिलती है तो हमारी शिक्षा परंपरा की भूमिका आती है। विद्यालय में दी गई शिक्षा और आदर्श वातावरण की भूमिका आती है। इसलिए हमारे दुश्मन सदैव उस बात को जानते हैं जिसके कारण से हम इन कष्टों से भी निकल कर आते हैं। पहले जब हमारे ऊपर आक्रमण हुए तो उन्होंने तक्षशिला को जलाया, नालंदा को जलाया हमारे विश्वविद्यालयों पर आक्रमण किया। ये 2000 साल पहले हुआ और 200 साल पहले भी हुआ।’
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, ‘जब लॉर्ड मैकाले हमारे यहां पर आते हैं तो उन्होंने सारी शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त किया। इसमें – उसमें कोई अंतर नहीं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षा नीति 2020 लेकर आए तो उन्होंने कहा पाठ्यक्रम के अंदर कौन सा विषय होना चाहिए? जो गौरवशाली अतीत पर गर्व कर सके। वह विषय होना चाहिए। इसलिए उसको काल के प्रवाह में पता नहीं क्या-क्या कहते थे भगवान राम और कृष्ण के जीवन के प्रसंगों को लेकर केवल उनको कर्मकांड की माइथॉलजी में डाल देना ये दुर्भाग्य की बात है।’
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 25, 2024
सीएम ने आगे कहा, ‘हमारे लिए तो यह भारत का विश्व गुरु बनने का सपना है। कोई धनी बनना चाहता है, कोई ताकत वाला बनना चाहता लेकिन भारत ने अपना मार्ग कौन सा खोजा है? भारत ने गुरु का मार्ग खोजा। गुरु अर्थात अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाने वाली भावना। जिसको वेद वाक्य में कहा गया सर्वे भवंतु सुखिन: सर्वे संतु निरामया। यह जो उदाक्त भाव है जिसमें हम दुनिया के अंदर अज्ञानता को मिटाना चाहते हैं। अच्छाई और मानवता को स्थापित करना चाहते हैं।। लेकिन ये भावना आती कहां से है? ये आती है शिक्षा और ज्ञान के माध्यम से। ये गुरु परंपरा से आती है।’
मुख्यमंत्री ने कहा- ‘हमें आईने की तरह सब कुछ साफ दिख रहा है। एक-एक करके पहले कही गई वह सारी बातें स्थापित होती जा रही थी इसके कारण से भारत दुनिया में जाना जाता है। भारत दुनियां में संपन्न बनना चाहता है। लेकिन संपन्निता में स्वार्थी नहीं बनना चाहता हैं। वो उदारता के साथ अपनी अच्छाईयों को बांटना चाहता है। वो ताकतवर बनना चाहता है लेकिन शांति के लिए बनना चाहता है। उसकी दिशा एकमात्र है कि हम शांति की स्थापना करने में समर्थ हों। इसलिए हमारे देवता एक हाथ में शास्त्र और दूसरे हाथ में शस्त्र रखते हैं।।’