भोपाल। मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा को-ऑपरेटिव बैंक ‘अपेक्स बैंक’ की वेबसाइट हैक (Apex Bank Website Hacked) हो गई है। जिसे हैकर ने रजाकार शब्द का उपयोग किया है। जो कि हाल ही में बांग्लादेश की घटनाओं में कई बार सामने आया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बैंक की वेबसाइट को हैक करने के पीछे क्या कोई बांग्लादेशी हो सकता है?
सायबर अटैक होने के बाद साइट (Apex Bank Website Hacked) हैंग हो गई है। गूगल पर अपेक्स बैंक सर्च करने पर वेबसाइट पर Hacked By TheRazakarHeroes लिखा दिख रहा है। जानकारी के मुताबिक साइट गुरुवार 15 अगस्त की शाम करीब 6 बजे के बीच हैक हुई है। बैंक अधिकारियों द्वारा हैकिंग की शिकायत साइबर पुलिस से की गई है या नहीं इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
बता दें कि 16 अगस्त यानी आज 400 सोसाइटी मैनेजर के ज्वाइनिंग लेटर वेबसाइट पर जारी होने वाले थे। लेकिन वेबसाइट के हैक होने से ये अटक गए हैं। भर्ती परीक्षा पास होने वाले कैंडिडेट बीते 6 महीने से ज्वाइनिंग की मांग कर रहे थे। जिसके बाद 16 अगस्त को इन्हीं के ज्वाइनिंग लेटर बैंक की वेबसाइट पर अपलोड होने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही वेबसाइट हैक हो गई।
बता दें कि बैंक की साइट हैक होने से पूरे सिस्टम में हड़कंप मच गया है। उसकी वजह यह है कि बेवसाइट पर किसानों से जुड़ा अहम डाटा उपलब्ध है। इसमें सरकारी खरीद के साथ कई वित्तीय दस्तावेज भी अपलोड हैं। ऐसे में इस वेबसाइट का हैक होना सरकार के लिए चिंता का विषय है।
हैकर का बांग्लादेशी कनेक्शन!
वेबसाइट को ओपन करने पर उसमें बांग्लादेशी टाइगर का लोगो और उसके साथ राइजिंग ऑफ द रजाकार हीरोज लिखा दिखाई दे रहा है। बता दें कि बांग्लादेश में जो हालात वर्तमान में बने हुए हैं वो सभी रजाकार के मुद्दे पर ही छिड़ा हुआ है। दरअसल, साल 1971 में पाकिस्तानी सेना से जिन बांग्लादेशियों ने लड़ाई की थी। उनके परिवार वालों को शेख हसीना सरकार ने नौकरी में आरक्षण दिया था।
आरक्षण की इस व्यवस्था का बांग्लादेश में अन्य छात्रों के द्वारा विरोध किया गया। यह विरोध उस दौरान और ज्यादा बढ़ गया जब तत्कालीन पीएम शेख हसीना ने कहा था कि जो लोग स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए नौकरी में कोटा का विरोध करते हैं, वे ‘रजाकार’ हैं।
‘रजाकार’ शब्द बांग्लादेश में अपमानजनक माना जाता है। शेख हसीना के बयान के बाद देश में हिंसा और उग्र हो गई। नाराज छात्र ने मैं कौन, तुम कौन, रजाकार, रजाकार के नारे लगाने शुरु कर दिए।