भोपाल। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Maha Kumbh) के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने उज्जैन में बड़ा बयान दिया। पट्टाभिषेक समारोह में सम्मिलित होने बाबा महाकाल की नगरी में आए महंत पुरी ने स्वंय को भगवान बताने वाले साधू-संतों पर जमकर नाराजगी जाहिर की।

उन्होंने कहा, ‘आजकल (Maha Kumbh) ऐसा ट्रेंड चला है कि हर कोई अपने आप को उपासक-पुजारी नहीं, भगवान कह रहा है। खुद को ब्रह्मा, विष्णु, महेश और राम कह रहे हैं, ऐसे संतों पर कार्रवाई होना अति आवश्यक है। प्रयागराज के कुंभ में ऐसे व्यक्तियों को भूमि नहीं दी जाएगी।’

MP में अब इलाज के नाम पर नहीं होगी लूटमार, झोलाछाप डॉक्टरों पर सख्त हुई मोहन सरकार

कथा वाचकों पर लगेगा प्रतिबंध

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि अखाड़ा परिषद ने साधु-संतों के चोले में गलत काम करने वाले महामंडलेश्वर और संतों पर कड़ा एक्शन लिया गया है। ऐसे संतों को अखाड़ों से निष्कासित कर दिया गया है। जिसमें उज्जैन की पूर्व महामंडलेश्वर मंदाकिनी देवी भी शामिल हैं। इनके बाद अब कथा वाचकों का नंबर है। इनमें वो कथावाचक शामिल हैं जो अपने आपको भगवान बताते हैं।

सनातन संस्कृति का विरोध करने वाले पर एक्शन लिया जाएगा

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज ने कहा, ‘हमारी सनातन संस्कृति के विरोध में जो जाएगा, उस पर कार्रवाई होगी। मंच से अल्लाह हू अकबर कहना, नमाज पढ़ना उचित नहीं है। मंच पर पति-पत्नी बैठकर शादी करें, ये चीजें अच्छी नहीं हैं। ऐसे संतों को चिह्नित किया जाएगा, जो सनातन के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं।’

तीन अखाड़ों के 112 संतों को मिला नोटिस

तीन अखाड़ों के 112 संतों को नोटिस देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सभी अखाड़ों की अपनी व्यवस्थाएं होती हैं। अखाड़े से जुड़े किसी संत को गलती करने पर उनके अखाड़े ने ही नोटिस जारी किया होगा। उन पर कार्रवाई भी वह अखाड़ा ही करेगा।

बता दें कि तीन अखाड़े जूना, निरंजनी और निर्मोही ने अपने 112 संतों को नोटिस दिया है। जिसमें कहा गया है कि संतोषजनक उत्तर न मिलने पर उनकी कुंभ में एंट्री बैन कर दी जाएगी।