बीजापुर। छत्तीसगढ़ में लाल आतंकवाद (Bijapur Naxalite attack) के खात्मे के लिए सुरक्षाबलों का एंटी नक्सल ऑपरेशन जारी है। इससे बौखलाए नक्सली मासूम ग्रामीणों का अपना शिकार बना रहे हैं। बीते पांच दिनों में ही नक्सलियों ने तीन ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया है। ताजा मामला बीजापुर जिले का है। जहां नक्सली गांव से एक युवक को किडनैप करके ले गए थे। इसके कुछ समय बाद उनकी धारदार हथियार से वार कर हत्या कर दी। घटना मिरतूर थानांतर्गत आने वाले तिमेनार गांव की है।

CM साय के आश्वासन पर दिव्यांग संघ का प्रदर्शन हुआ स्थगित, अब फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर नौकरी पाने वालों की खैर नहीं!

जानकारी के मुताबिक नक्सली (Bijapur Naxalite attack) की पहचान सुदरू कारम के रूप में हुई है। उसका भाई दंतेवाड़ा पुलिस में हेडकॉन्सटेबल है। वह अपने खेत में काम कर रहा था तभी कुछ नक्सली उसके पास पहुंचे। वह उसे बंदूक के दम पर उठाकर ले गए और जंगल में ले जाकर बुरी तरह मार दिया। इस घटना के बाद पूरे इलाके में डर का माहौल है।

पांच दिनों में तीसरी वारदात

बता दें कि यह तीसरा मामला है जब नक्सलियों ने ग्रामीणों को अपनी हिंसा का शिकार बनाया है। इससे पहले 22 अगस्त को बीजापुर जिले में ही नक्सलियों ने जमीदार लांचा पुनेम की हत्या कर दी थी। नक्सलियों का आरोप था कि पुनेम ने पुलिस से मुखबिरी की थी। इसके बाद नक्सलियों ने जनअदालत लगाकर उसे मौत की सजा दी थी। इसके बाद उसके लाश को गांव के पास ही फेंक दिया था।

इस हत्या की जिम्मेदारी नक्सलियों ने ली थी। दरअसल, गंगालूर थाना पुलिस को ग्रामीण के शव के पास से एक पर्चा मिला था। जिसमें लिखा था कि चार बार जन अदालत लगाई गई। जिसमें हर बार मृतक लांचा पुनेम को समझाइश दी गई। लेकिन, बार-बार समझाने के बाद भी वह नहीं माना, तब ये कदम उठाया।

इसके बाद दूसरी हत्या बीजापुर जिले के ही भैरमगढ़ इलाके में हुई थी। गंगालूर की तरह ही यहां भी नक्सलियों ने जनअदालत लगाकर एक ग्रामीण को मौत के घाट उतार दिया था। नक्सलियों ने इस युवक पर भी पुलिस के लिए मुखबिरी करने का आरोप लगाया था। मरने वाले ग्रामीण का नाम सीतू मंडावी है जो कि भैरमगढ़ के जैगुर का रहने वाला था। हत्या के बाद नक्सलियों ने पर्चा जारी कर हत्या की जिम्मेदारी ली थी।