रायपुर। केंद्र की मोदी सरकार ने मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का सफाया करने का ऐलान किया है। सरकार की इसी मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबल एंटी नक्सल ऑपरेशन चला रहे हैं। जिसमें एक के बाद एक कई नक्सली या तो ढेर हो रहे हैं या फिर डरकर आत्मसमर्पण कर रहे हैं। हालात ये हो गए हैं कि एक समय बंदूक के दम पर अपना आतंक कायम करने वाले माओवादी अब खुद दहशत में हैं। जब से सीएम साय ने सूबे की सत्ता संभाली है तब से लेकर अब तक 200 से ज्यादा नक्सली ढेर हो चुके हैं। (Anti Naxal Operation)

जवानों से की अपील

राज्य के नक्सल प्रभावित जिले कांकेर में माओवादियों ने रोड किनारे बैनर लगाकर और पर्चे फेंककर बीएसएफ और आईटीबीपी के जवानों से बस्तर में चल रहे अभियान में शामिल न होने की अपील की है। जिले के अंतागढ़ थाना क्षेत्र में आने वाले अंतागढ़-कुहचे मार्ग और मद्रासीपारा में नक्सलियों ने बैनर लगाने के साथ पर्चे भी फेंके हैं, जिसमें उन्होंने सुरक्षाबलों से बस्तर हिंसा में शामिल नहीं होने की अपील की है। (Anti Naxal Operation)

इसके साथ ही बैनर में नक्सलियों ने RSS मेंबरों को गांव और कस्बों से बाहर खदेड़ने और अबूझमाड़ में सेना ट्रेनिंग कैम्प का विरोध करते हुए आगामी पंचायत चुनाव का विरोध करने की बात कही है।

Anti Naxal Operation

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माइक्रो फायनेंस कंपनियों के खिलाफ खोला मोर्चा

वहीं दूसरी तरफ नक्सलियों के निशाने पर माइक्रो फायनेंस कंपनियां आ गई हैं। उन्होंने पखांजूर थाना क्षेत्र में आने वाले ऐसेबेड़ा-भिंगीडार रोड पर कई जगह बैनर लगाकर माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर किसान, मजदूर और महिलाओं को लूटने का आरोप लगाया है। माओवादियों ने माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए लोगों से इनका विरोध करने की अपील की है। इसके साथ उन्होंने गाँव-गाँव से माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के एजेंटों को मार भगाने की बात कही है।