इंदौर। राजकोट गेम जोन और दिल्ली बेबी केयर सेंटर हादसे में बेगुनाहों की मौत के बाद इंदौर प्रशासन अलर्ट पर है। फायर सेफ्टी को लेकर अपात बैठक बुलाई गई। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि राजकोट हादसे से सबक लेते हुए सभी गेम जोन, हाई फूट फॉल, मॉल, जी प्लस बिल्डिंग में फायर सेफ्टी के जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। इंदौर में जी प्लस 3, लगभग 17 हजार बिल्डिंग हैं। कई बड़े मॉल हैं इन सभी जगह पर फायर सेफ्टी की बेसिक सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए इसके निर्देश आज टीएल बैठक में दिए गए हैं।
आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र पानी के टैंकर बाहर निकालने की व्यवस्था फायर के बेसिक चीजों पर जिला प्रशासन का ध्यान है फायर सर्टिफाइड की तरफ जिला प्रशासन अभी फोकस नहीं कर रहा है वर्तमान में हम सिर्फ फायर के लिए जो बेसिक सुविधाएं होती हैं उस पर हमारा फोकस है। फायर कंसल्टेंट, फायर ठेकेदार, फायर एक्सपर्ट इनके साथ मंगलवार को फायर सेफ्टी को लेकर बड़ी बैठक बुलाई गई है। इंदौर में फायर को लेकर बड़ी कार्रवाई होगी लगातार हम फायर सेफ्टी नियम का उलंघन करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई तो कर रहे हैं लेकिन अब बेसिक नियमों का भी उल्लंघन हुआ तो कानूनी कार्रवाई करेंगे। राजकोट दिल्ली हादसे के बाद इंदौर प्रशासन अलर्ट।
एमपी की आर्थिक राजधानी इंदौर महानगर की ओर बढ़ रहा है वहीं बात की जाए फायर सेफ्टी को लेकर तो दमकल विभाग के पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं 15 साल पुराने वाहनों से आग पर काबू पाने के लिए मजबूर दमकल कर्मी के पास 40 वाहन उपलब्ध हैं जिसमें मल्टी हाइड्राइज़ दमकल गाड़ी मौजूद हैं वहीं हाइड्रोलिक वहां काफी सालों से खराब पड़ा हुआ है 2010 से अब तक फायर में कोई भी नए जवान की भर्ती नहीं हुई है कम संसाधनों और जवानों से जूझ रहा दमकल विभाग उम्मीदें लगाए बैठा है कि सरकार जल्द ही नई भर्तियां करेगी और अत्यधिक संसाधन भी दिलाए जाएंगे।