भोपाल। मध्यप्रदेश के उमरिया जिला स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत इन दिनों सुर्खियों में है। उनके दम तोड़ने की वजह अभी तक सामने भी नहीं आ पाई है। राज्य सरकार ने मामले में कड़ा एक्शन लेते हुए फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी व सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) फतेसिंह निनामा को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही सीएम ने हाथियों के मूवमेंट की निगरानी के लिए 6 विशेष दल गठित करने का निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मानव-हाथी द्वंद व वन्य-प्राणी प्रबंधन के लिए जंगल से सटे गांवों में मुनादी कराई जा रही है। मुख्य वन संरक्षक ने 35 स्टाफ की ड्यूटी लगाई है। (Bandhavgarh elephant death case)
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टाइगर की मौत में अव्वल
बांधवगढ़ में केवल हाथी ही नहीं बल्कि बाघों की मौत का सिलसिला काफी सालों से चला आ रहा है। देश के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व में बाघों की मौत को लेकर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें बताया गया है कि 2021 से लेकर लेकर 2024 के सितंबर महीने तक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 93 बाघों की मौत हो चुकी है। वहीं बात करें इस साल की तो केवल दस महीने में ही यह आंकड़ा 12 पर पहुंच चुका है। (Bandhavgarh elephant death case)
बांधवगढ़ में प्रदेश के आधे से ज्यादा टाइगर
बता दें कि सबसे ज्यादा बाघ घनत्व बांधवगढ़ में ही है। सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2023 में मध्यप्रदेश के सभी 6 टाइगर रिजर्व में कुल 259 टाइगर थे, जिनमें से 165 तो अकेले बांधवगढ़ में ही थे। जब बाघों की संख्या में बढोतरी हुई थी तो इसे वन विभाग की कार्यकुशलता माना गया था। लेकिन वर्तमान समय में देखें तो बाघों के प्रबंधन में विभाग पिछड़ा हुआ नजर आ रहा है। डायरेक्टर से लेकर कर्मचारियों के खिलाफ कई शिकायतें की गई हैं जो कि अभी पेंडिंग हैं।