भोपाल। कोलकाता में लेडी ट्रेनी डॉक्टर (Junior doctors strike) से रेप और उसके बाद हत्या के मामलेमें देश भर के डॉक्टर विरोध कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में भी जूनियर डॉक्टर इसका विरोध कर रहे हैं। बात करें भोपाल की तो एम्स के बाद हमीदिया हॉस्पिटल के जूनियर डॉक्टरों ने भी गुरुवार रात 12 बजे से हड़ताल शुरू कर दी। हालांकि उनके द्वारा इमरजेंसी केस देखे जा रहे हैं।

कोलकाता की घटना को लेकर बढ़ा विरोध, MP के 3 हजार जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर

वहीं शनिवार (Junior doctors strike) से भोपाल और इंदौर के प्राइवेट अस्पतालों में ओपीडी बंद रखने का निर्णय लिया गया है। प्राइवेट हॉस्पिटलों में केवल इमरजेंसी सर्विसेज चालू रहेंगी। इस बीच डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में दो जनहित याचिकाएं दाखिल की गई हैं। जिनमें हड़ताल को गलत बताया गया है।

उधर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, ग्वालियर, रतलाम में IMA (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के मेंबर डॉक्टर बांह पर काली पट्टी बांधकर कोलकाता की घटना विरोध जता रहे हैं। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बिगड़ने लगी है। इलाज के लिए अस्पतालों के बाहर मरीजों की लाइनें लग रहीं हैं। पैथोलॉजी टेस्ट न हो पाने की वजह से परिजन परेशान भी दिखे।

IMA का बड़ा ऐलान

हड़ताल को लेकर IMA (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने ऐलान किया कि 17 अगस्त सुबह 6 बजे से लेकर 18 अगस्त सुबह 6 बजे तक अस्पतालों में इलाज बंद रहेगा। यानी इन चौबीस घंटे तक पूरे प्रदेश में इलाज नहीं होगा। इसके साथ ही प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल ओपीडी सेवाएं नहीं दी जाएंगी। वहीं, आगे की कार्यवाही के बारे में आगे बताया जाएगा। ऐसे में प्रदेश के मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।