वाराणसी। वाराणसी जिला कोर्ट ने बुधवार को ज्ञानवापी मामले पर बड़ा फैसला सुनाया है । इसके बाद व्यास जी तहखाने में व्यास परिवार को पूजा की इजाजत दे दी गई है। 30 सालों के लंबे समय से मतलब 1993 से तहखाने में पूजा-पाठ बंद थी।​ अब यहां पूजा पाठ की जा सकेगी…

सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर जिला अदालत ने सुनाया बड़ा फैसला

कोर्ट ने कहा कि वाराणसी के डीएम 7 दिन के अंदर पुजारी की नियुक्ति करेंगे और जिसके बाद व्यास परिवार पूजा-पाठ शुरू कर सकता है।

ज्ञानवापी की दीवारों, शिलापटों पर 4 भाषाओं का जिक्र मिला। इसमें देवनागरी, कन्नड़, तेलुगु और ग्रंथ भाषाएं हैं। सारे पिलर पहले मंदिर के थे, जिन्हें मॉडिफाई कर दोबारा इस्तेमाल किया गया। गुंबद के अंदरूनी हिस्से को ज्यामितीय डिजाइन से सजाया गया है। मंदिर के केंद्रीय कक्ष का मुख्य प्रवेश द्वार पश्चिम से था। इस द्वार को जानवरों और पक्षियों की नक्काशी और एक सजावटी तोरण से सजाया गया था।