रायपुर। छत्तीसगढ़ में राम की मूर्ति को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। पूर्व की भूपेश सरकार ने ‘राम वन गमन परिपथ’ प्रोजेक्ट के तहत रायपुर के चंदखुरी में राम मूर्ति बनवाई थी। जिसे विकृत बताते हुए सत्ताधारी दल के वरिष्ठ नेताओं ने उसकी जगह श्रीराम की नई मूर्ति लगवाने की बात कही है। इसके बाद एक फिर सूबे की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस और बीजेपी नेता एक दूसरे पर जमकर जुबानी हमले कर रहे हैं। (Chandkhuri Ram statue controversy)

क्या है पूरा मामला?

छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल कहा जाता है। यहां रायपुर के चंदखुरी में माता कौशल्या का भव्य मंदिर है। जिसकी प्रदेश के साथ-साथ देशभर में अलग मान्यता है। छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस की सरकार थी तो तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। (Chandkhuri Ram statue controversy)

इस योजना में वनवास काल के दौरान प्रभु राम छत्तीसगढ़ के जिन-जिन इलाकों से होकर गुजरे थे, उनको सरकार ने पर्यटन, धार्मिक स्थल के रूप में उसे विकसित करने की योजना थी। इसी के तहत तत्कालीन राज्य सरकार ने चंदखुरी में प्रभु राम की 51 फीट की विशालकाय मूर्ति लगवाई। लेकिन उसके कुछ ही महीनों बाद सत्ता परिवर्तन हुआ और राज्य में बीजेपी की सरकार बनी। जिसके बाद सत्ताधारी दल ने राम मूर्ति को विकृत बताते हुए इसका विरोध करना शुरू कर दिया था।

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नहीं दर्शाया गया सही स्वरूप

बीजेपी का आरोप यह था कि पूर्व की बघेल सरकार के कार्यकाल में जो मूर्ति लगवाई गई थी उसमें भगवान राम की गरिमा के अनुरूप सही स्वरूप को नहीं दर्शाया गया है। भगवान राम के नाक और हाथ के साथ ही पैरों की उंगलियों की बनावट सही ढंग से नहीं है, भगवान राम का स्वरूप ऐसा नही है। उस दौरान बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस ने कहा था कि बीजेपी सिर्फ राम के नाम पर राजनीति करती है।

स्थापित होगी नई मूर्ति

अब छत्तीसगढ़ में बीजेपी की विष्णु देव साय सरकार को बने 10 महीने हो गए हैं। एक बार फिर चंदखुरी में बनी भगवान राम की मूर्ति को लेकर मुद्दा गरमा गया है। श्रीराम की यह पसंद न आने की वजह से सरकार ने चंदखुरी में नई मूर्ति स्थापित करने का फैसला किया है। इस मूर्ति की लंबाई 51 फीट होगी।

सूत्रों की माने तों इसकी लागत लगभग एक करोड़ रुपये के आस पास होगी। इसके लिए ग्वालियर के पहाड़ों से मंगवाए गए 2 टन के 14 पत्थरों को जोड़कर मूर्ति को आकार दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के शिवरीनारायण और सीतामढ़ी, हरिचौरा में लगी मूर्ति की तरह ही अब चंदखुरी के लिए भी मूर्ति तैयार की जा रही है।

वहीं इस मूर्ति पर बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस सरकार के समय सारे काम गलत हुए हैं। भगवान राम की गरिमा के मुताबिक मूर्ति होनी चाहिए।

उधर, कांग्रेस से गुंडरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद ने निशाना साधते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों में आस्था है पत्थर को भी भगवान मानते है। किसी ने यह नहीं देखा कि उनका स्वरूप कैसा है केवल लोगों में आस्था थी। लाखों की संख्या में लोग मूर्ति को पूजा अर्चना करते हैं। लेकिन, उसे हटाने का प्रयास किया जा रहा है तो धर्म के प्रति उनकी कुंठित भावना है। ये लोगों को धर्म के नाम पर तोड़ने का काम करते हैं।