भोपाल। कोलकाता में शुक्रवार (20 सितंबर) को आयोजित कार्यक्रम ‘मध्य प्रदेश में निवेश के अवसर’में सीएम डॉ. मोहन यादव ने उद्योगपतियों से संवाद किया। इस दौरान सीएम ने उन्हें मध्यप्रदेश में आने का निमंत्रण दिया था। (Mohan Yadav government)
सीएम के इस प्रयास को बड़ी सफलता मिली है। प्रदेश को करीब 20 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। बिरला ग्रुप की ओर से उज्जैन जिले के बड़नगर में 3500 करोड़ रूपए की लागत से सीमेंट इकाई स्थापित करने की बात कही है। (Mohan Yadav government)
‘MP में उद्योगपतियों के लिए सरकार पलक पांवड़े बिछाने को तैयार’, कोलकाता में आयोजित इंटरेक्टिव सेशन में बोले CM मोहन यादव
19270 करोड़ के निवेश प्रस्ताव हुए प्राप्त
कोलकाता समिट में खाद्य प्र-संस्करण, रसायन, सीमेंट, स्टील, प्लास्टिक और नवकरणीय ऊर्जा समेत अलग-अलग क्षेत्रों से 19 हजार 270 करोड़ रुपये के निवेश प्राप्त हुए। इनसे करीब 10 हजार नौकरियां पैदा होंगी। समिट में प्रेसीडेंट सीआईआई एवं आईटीसी ग्रुप के एमडी संजीव पुरी, मध्यप्रदेश बिरला ग्रुप के एमडी व सीईओ संदीप घोष, स्वरा हाइजीन प्रा.लि. के एमडी आलोक बिरला और टाटा स्टील्स के एम.डी. संदीप कुमार शामिल हुए। समिट में देश-विदेश के करीब 700 डेलिगेट्स और कांसुलेट एवं प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बिरला ग्रुप लगाएगा सीमेंट यूनिट
मध्यप्रदेश बिरला ग्रुप के सीईओ और एमडी संदीप घोष ने इस दौरान बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि बिरला ग्रुप जल्द ही उज्जैन के बड़नगर में 35 सौ करोड़ की लागत सीमेंट यूनिट स्थापित करेगा। वहीं, स्वरा हाइजीन प्रा.लि. के एमडी आलोक बिरला ने एमपी को लैंड ऑफ अपॉर्चुनिटीज के साथ ऑपरेशनल ईज़ और पीस की भूमि बताया।
सरकार को बिजनेसमैनों के साथ बराबरी से चलना होगा
उद्योगपतियों व औद्योगिक संगठनों से चर्चा के सत्र को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि विकास के कारवां में सरकार को उद्योगपतियों के साथ बराबरी से चलना होगा। हम उद्योगपतियों के साथ सकारात्मक और सहयोगी दृष्टिकोण से काम करना चाहते हैं। मध्यप्रदेश उद्योगपतियों का पलक पांवड़े बिछाकर स्वागत करता है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सभी औद्योगिक सेक्टर के लिए पर्याप्त संभावनाएं विद्यमान हैं। प्रदेश, कोयम्बटूर हो या कोलकाता, सभी क्षेत्रों के लोगों की उद्यमशीलता और सृजनशीलता को प्रदेश आमंत्रित करता है। राज्य सरकार हर संभव सहयोग और सहायता देने को तत्पर है। रेडीमेड गारमेंट, माइनिंग, ऊर्जा हो या पर्यटन का सेक्टर, सभी क्षेत्रों के मध्यम एवं भारी उद्योग प्रदेश में आमंत्रित हैं, राज्य सरकार की औद्योगिक नीतियां पर्याप्त लचीली और समावेशी हैं। सरकार खुले दिल से उद्योगों का स्वागत करने के लिए आतुर है।
बता दें कि प्रदेश के सभी क्षेत्रों के संतुलित आर्थिक विकास के लिए राज्य के सभी अंचलों में निवेश व औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ाने के उद्देश्य से देश के बड़े औद्योगिक नगरों में रोड-शो द्वारा उद्योगपतियों से चर्चा के क्रम में कोलकाता में इन्टरेक्टिव सेशन आयोजित किया गया।