भोपाल। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि अस्पतालों में बिल बकाया होने की वजह से परिवार जनों को शव नहीं दिया जाता है, या फिर किसी अन्य कारणों की वजह से अस्पताल शव देने से इंकार कर देते हैं। पर अब निजी अस्पताल शव देने से इंकार नहीं कर सकेंगे।

 

हाल ही में मानवाधिकार आयोग के निर्देशों के बाद मध्य प्रदेश में नई गाइडलाइन्स जारी की गई हैं। दरअसल निजी अस्पतालों में उपचार के दौरान किसी की मौत जाने पर प्रबंधन बिल भुगतान के लिए मरीज के शव को बंधक नहीं बना पाएंगे। परिजनों द्वारा शव प्राप्त न करने तक या लावारिस होने पर शव को गरिमा के साथ रखना होगा। शव के लिए फ्रीजर या कोल्ड स्टोरेज जैसी व्यवस्था भी करनी होगी। बिल बकाया होने पर भी बॉडी रिलीज़ करनी होगी और जरुरत पड़ने पर बॉडी बिना किराए पर भी परिवार तक पहुंचाने की अस्पताल पूरी व्यवस्था करेगा।