-नक्सल ‘गढ़’ से LIVE ‘कवरेज’
-BSTV की EXCLUSIVE रिपोर्ट
-बीजापुर मुठभेड़ में मिली बड़ी सफलता
-एक्शन में ‘साय’ सरकार
-भारी मात्रा में हथियार बरामद
-मुठभेड़ में मारे गए 13 नक्सली
-चुनावी साजिश पर पहरा पानी !
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-बीजापुर मुठभेड़ में मिली बड़ी सफलता
-एक्शन में ‘साय’ सरकार
-भारी मात्रा में हथियार बरामद
-मुठभेड़ में मारे गए 13 नक्सली
-चुनावी साजिश पर हुई नाकाम !
नक्सलियों पर साय सरकार का एक्शन जारी है। प्रदेश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पिछले सौ दिनों में सुरक्षा बलों ने करीब 37 नक्सलियों को अलग-अलग मुठभेड़ों में मार गिराया। बीजापुर में हुई मुठभेड़ में 3 महिला समेत 13 नक्सली मारे गए।मारे गए नक्सली में कईयों पर इनाम था। नक्सलियों पर लगातार हो रही कार्यवाही से सुरक्षा बलों के हौंसले बुलंद है। सुरक्षाबलों के हमले से नक्सलियों को जान माल का नुकसान हो रहा है। पिछले 3 महीनों में सुरक्षा बलों ने न केवल भारी मात्रा में हथियार और अन्य नक्सल सामग्रियां बरामद की, बल्कि माओवादियों के स्थानीय नेटवर्क को भी ध्वस्त करने में कामयाबी हासिल की।
-3 दिन चला ऑपरेशन
-नक्सलियों की कंपनी टू, प्लाटू 12 के मेंबर मारे गए
-नक्सलियों का नेटवर्क हो रहा ध्वस्त
-सुरक्षा बलों ने नक्सलियों पर कसा शिकंजा
मुठभेड़ के बाद सर्चिंग में अवैध हथियारों का जखीरा बरामद हुए। इसमें कई हाईटेक हथियार भी हैं। जिनका इस्तेमाल लंबे समय से नक्सली कर रहे थे। बीएसटीवी की टीम ने ग्राउंड जीरों पर पहुंचकर बीजापुर नक्सली मुठभेड़ की पल-पल की तस्वीर को अपने कैमरे में कैद किया। हर एक जानकारी को अपने दर्शकों तक पहुंचाने की कोशिश की। बीएसटीवी के रिपोर्टर के शंकर उस जगह भी पहुंचे, जहां नक्सलियों से बरामद हथियारों के जखीरे को रखा गया था।
सुरक्षा एजेंसियां कई दिनों से बीजापुर में नक्सलियों के मूवमेंट को ट्रैक कर रही थी। जब सटीक लीड मिली, तो सुरक्षा जवानों ने घेराबंदी शुरू कर दी। बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने बताया कि नक्सलियों के मूवमेंट की सटीक जानकारी और सूचना मिलने के बाद ऑपरेशन लांच किया गया। ये ऑपरेशन तीन दिन तक चला। उन्होंने यह भी बताया कि पहले नक्सलियों की तरफ से फायरिंग की गई। सुरक्षा बलों ने जबावी फायरिंग की। और जब फायरिंग बंद हो गई और सर्चिंग की गई, तो 13 नक्सलियों के शव बरामद हुए। इस एनकाउंटर में नक्सलियों की कंपनी टू के मेंबर और प्लाटू नंबर 12 के मेंबर मारे गए हैं। नक्सलियों के शवों की शिनाख्त की जा रही।
पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को धुर नक्सल क्षेत्र बस्तर में होगा। यहां शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव करना सुरक्षा बलों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। दूसरे चरण में महासमुंद, राजनांदगाव और कांकेर में होंगे। इनमें राजनांदगाव और कांकेर में भी नक्सलियों की धमक रहती है। केंद्रीय और राज्य की एजेंसियां आपस में नक्सलियों से जुड़े इनपुट को साझा कर रही है। इस बार सुरक्षा बल चुनाव के दौरान किसी भी तरह की हिंसा नहीं चाहते हैं। साय सरकार इसको लेकर सुरक्षा बलों को फ्री हैंड दे चुकी है। बीजापुर मुठभेड़ के बाद नक्सलियों की चुनावी साजिश पर पानी फिरा है। नक्सलियों के पास से मिले हथियारों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे किसी बड़ी साजिश की प्लानिंग कर रहे थे। उनके मंसूबे ठीक नहीं थे।
नक्सलियों पर साय सरकार की नीति स्पष्ट है। सरकार ने सुरक्षा बलों को एक्शन जारी रखने के निर्देश भी दिए हैं। सरकार की कोशिश है कि चुनाव में नक्सली किसी भी तरह की गड़बड़ी ना कर सके। इसके लिए सेंट्रल से लेकर स्टेट की तमाम एजेंसियां अलर्ट पर हैं। सुरक्षा बलों ने नक्सलियों की घेराबंदी तेज कर दी है। इंटेलिजेंस से मिले इनपुट के आधार पर कार्यवाही जारी है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा जवानों का कड़ा पहरा है। मकसद, यही है कि नक्सलियों के हर एक साजिश को नाकाम किया जाये।
बस्तर से बीएसटीवी के लिए हमारे संवाददाता के, शंकर की रिपोर्ट…
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