भोपाल। मध्यप्रदेश (Mohan Yadav Government) के 3.25 लाख आउटसोर्स कर्मचारियों को मोहन सरकार बड़ी सौगात दी है। जल्द ही प्रदेश के आउटसोर्स के कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारियों के जैसे ही लाभ मिलने शुरू हो जाएंगे। उन्हें भी अब ग्रेच्युटी और वीकली ऑफ जैसे लाभ मिलेंगे।

मध्यप्रदेश श्रम विभाग (Mohan Yadav Government) ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी कर दी है। इतना ही नहीं विभाग की तरफ से सभी संभावित विभागों के साथ संभाग आयुक्त और कलेक्टरों को निर्देश दे दिये गए हैं। जिसमें कहा गया है कि यदि कोई कंपनी ये निर्देश न माने तो कर्मचारी अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

गाइडलाइन जारी होने के बाद राज्य में काम करने वाली तमाम आउटसोर्स कंपनियों को इसका पालन करना अनिवार्य होगा। दरअसल, आउटसोर्स कंपनियों को लेकर लंबे समय से कर्माचारियों का शोषण किए जाने की शिकायतें सरकार के सामने आ रही थीं। बिजली कंपनियों में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों ने तो कई बार इसको लेकर धरना-प्रदर्शन भी किए जा चुके हैं।

मध्य प्रदेश के सरकारी विभागों, उपक्रमों, निगम, मंडल, बिजली कंपनियों, दुग्ध सहित अन्य विभागों में कार्यरत 3.25 लाख ठेका श्रमिकों और आउटसोर्स कर्मियों को अब इंश्योरेंस, ग्रेच्युटी, बोनस, ओवरटाइम, पीएफ, वीकली ऑफ समेत सभी सुविधाएं दी जाएंगी। श्रम विभाग की ओर से संभाग आयुक्त और कलेक्टरों को इसके निर्देश जारी किए गए हैं।

श्रम विभाग की गाइडलाइन में संबंधित विभागों को निर्देश दिया गया है कि कर्मचारियों को सभी सुविधाएं देना अनिवार्य किया जाए। अगर कोई कंपनी इन निर्देशों का पालन न करे तो कर्मचारी उसके खिलाफ कोर्ट की शरण ले सकते हैं।

श्रम उपायुक्त जैस्मिन अली ने इस मामले पर कहा, ”मध्य प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारी को लेबर नियमों के हिसाब से तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, इसको लेकर विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जाते हैं। विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराया जाएगा।”

बता दें कि मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार लगातार कर्मचारियों के हित में फैसले ले रही है। सरकार के इस नए निर्देश से ठेका और आउटसोर्स कर्मचारियों को उनके अधिकारों को जानने और उनकी सुरक्षा करने का विश्वास मिलेगा।

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