भोपाल। बीना विधायक निर्मला सप्रे को लेकर मध्य प्रदेश की राजनीति में विवाद थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है, और अब यह मामला अदालत तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। कांग्रेस ने उनकी विधानसभा सदस्यता को लेकर हाईकोर्ट जाने का निर्णय लिया है। पहले वे विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का इंतजार कर रही थीं, लेकिन अब यदि फैसला नहीं आता, तो कांग्रेस अदालत का रुख करने की तैयारी कर रही है।
निर्मला सप्रे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान सुर्खियों में आईं थीं जब उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ मंच साझा किया था, जिसके बाद उनके कांग्रेस से मोहभंग की खबरें सामने आईं। इसके बाद वे बीजेपी के कार्यक्रमों में भी नजर आईं। विजयपुर उपचुनाव में जीत के बाद कांग्रेस अधिक आक्रामक हो गई और विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की।
कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल ने विधानसभा अध्यक्ष से निर्मला सप्रे की सदस्यता समाप्त करने का अनुरोध किया है। उनका कहना था कि अब विधानसभा अध्यक्ष को जल्दी फैसला लेना चाहिए, वरना कांग्रेस अदालत का रुख करेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी इस पर बयान दिया और कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को शीघ्र निर्णय लेना चाहिए ताकि बीना में उपचुनाव का रास्ता साफ हो सके।
वहीं, बीजेपी इस मामले में उलझन में है। प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने स्पष्ट किया कि निर्मला सप्रे ने बीजेपी की सदस्यता नहीं ली है, हालांकि बीजेपी का मानना है कि उनका कांग्रेस से मोहभंग हो चुका है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने के मुद्दे पर कहा कि यह विधायक का अधिकार है, और वे मुख्यमंत्री से कहीं भी मिल सकते हैं।