छतरपुर। जिले के बमीठा क्षेत्र में उल्टी दस्त होने के कारण  कई लोग बीमार हैं। वहीं अस्पताल ले जाते समय दो बच्चों की मौत भी हो गई। इसके अलावा गांव के दर्जन भर से अधिक बच्चे और अन्य लोग बीमार हैं। लेकिन, बीमारी फैलने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग को कोई सुध नहीं है। गांव में मेडिकल टीम पहुंचाना तो दूर की बात है पास के बमीठा अस्पाताल में भी डॉक्टर नहीं हैं।(Two People Died )

अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिलते

बता दें कि, बीते रविवार को उल्टी दस्त होने से ग्रामीण बमीठा अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां ना तो कोई डॉक्टर था और ना ही कोई नर्सिंग स्टाफ। हालत गंभीर होने पर परिजन बच्चों को लेकर दूसरे अस्पताल के लिए निकले लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया।(Two People Died)

अस्पताल से डॉक्टर नदारद, बच्चों की गई जान

जानकारी के मुताबिक, बीते रविवार को 11 वर्षीय अरविंद और 5 वर्षीय रोशनी को उल्टी दस्त होने पर बमीठा स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो वहां डॉक्टर नहीं मिला तो वो दूसरे डॉक्टर के पास इलाज के लिए गए तभी रास्ते में ही दोनों बच्चों ने दम तोड़ दिया।(Two People Died)

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मरीज बढ़े, स्वास्थ्य विभाग अनजान

वहीं, सोमवार को 30 वर्षीय मिनजी, 25 वर्षीय रामकली, 7 वर्षीय रामा को भी उल्टी दस्त होने लगे। जिसके बाद वो भी बमीठा स्वास्थ्य केंद्र आए पर अस्पताल में कोई भी कर्मचारी नहीं था। मरीज डॉक्टरों का इंतजार करते रहे। इतना ही नहीं गंगवहा गांव में उल्टी दस्त के एक दर्जन से ज्यादा मरीज हैं, लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग का ध्यान इस ओर नहीं गया और ना ही कोई टीम पहुंची।

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