भोपाल। दुनिया औद्योगिक आपदा ‘भोपाल गैस कांड’ के 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के गोदाम में रखे 337 टन जहरीले कचरे को हटाने की प्रोसेस शुरू हो चुकी है। रविवार (29 दिसंबर) को विशेषज्ञों की मौजूदगी में कड़ी सुरक्षा के बीच कचरे को 12 कंटेनर में भरने की प्रक्रिया शुरु हुई। मिली जानकारी के मुताबिक 3 जनवरी से पहले कचरा पीथमपुर पहुंचाना तय हुआ है। इस प्रक्रिया के पूरा होने तक किसी को भी बिना परमिशन के यूनियन कार्बाइड में जाने की मनाही है। बिना आधार कार्ड और परमिशन के कोई भी गोदाम के कैंपस में नहीं जा सकता है। (Bhopal News)

परिसर के आसपास 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। वहीं, 400 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी, एक्सपर्ट्स और डॉक्टरों की टीम कंटेनर में कचरा भरने के काम में जुटी हुई है। रामकी कंपनी के विशेषज्ञों की निगरानी में ये कचरा कंटेनरों में भरा जा रहा है। (Bhopal News)

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ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भेजा जाएगा

यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को कड़ी सुरक्षा के बीच 250 किमी का ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पीथमपुर भेजा जाएगा। बता दें कि एमपी हाईकोर्ट ने 6 जनवरी तक कचरे को हटाने के निर्देश दिए थे। 3 जनवरी को सरकार को इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करना है। ऐसे में दो जनवरी तक किसी भी हाल में कचरा पीथमपुर भेजना ही होगा। पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट (रामकी) कंपनी इसका निष्पादन करेगी।

पीथमपुर में शुरू हुआ विरोध

उधर, यूनियन कार्बाइड के कचरे को पीथमपुर में जलाने का विरोध शुरू हो गया है। रविवार को पीथमपुर क्षेत्र रक्षा मंच के नेतृत्व में कचरा जलाने का विरोध किया गया। यहां के राम रामेश्वर मंदिर से महाराणा प्रताप बस स्टैंड तक रैली निकाली गई, जिसमें लोगों ने हाथ में काली पट्टी बांधकर जमकर नारेबाजी की। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा। पीथमपुर बचाओ समिति भी कचरा जलाने के विरोध में कई बार हस्ताक्षर अभियान, धरना प्रदर्शन, रैली कर चुकी है।