स्वामी विवेकानंद भारत के आध्यात्मिक गुरु, समाज सुधारक और राष्ट्रवादी विचारक थे, उनकी वाणी में अदम्य शक्ति और प्रेरणा का समंदर था । उनकी वाणी न केवल आत्मा बल्कि संपूर्ण जीवन को दिशा देती हैं.
ये है स्वामी के द्वारा कहे गए अनमोल वचन
- उठो, जागो और तब तक नहीं रुको, जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये.
- तुम वही बनोगे जो तुम दिन-रात सोचते हो। इसलिए सावधान रहो कि तुम क्या सोच रहे हो।
- कमजोरों की सहायता करना ही धर्म है।
- हर काम छोटा होता है या बड़ा, यह मायने नहीं रखता। जो कुछ भी करो, उसे पूरे मनोयोग से करो।
- ब्रह्मांड की सभी शक्तियां पहले से हमारी हैं। हम वो हंस हैं जो अपने को बत्तख समझ बैठे हैं।
- जो नहीं तुम हो, वह बनने की कोशिश में तुम जो हो वो खो दोगे।
- गीता में ज्ञान है, फुटबॉल में बल है। दोनों की जरूरत है।
- तुम नदी मत बनो, जो पहाड़ों से टकराकर अपना रास्ता बदल लेती है, बल्कि पहाड़ बनो, जो नदियों का रुख मोड़ दे।
- जिसने जैसा मार्ग बनाया, उसे वैसी ही मंजिल मिलती है।
- संगति आप को ऊंचा उठा भी सकती है और यह आपको ऊंचाई से गिरा भी सकती है, इसलिए संगति अच्छे लोगों से करें।
स्वामी जी का मानना था जीवन में हम जो सोचते हैं, जो चुनते हैं, जो बनने की कोशिश करते हैं, वही हमारे भविष्य को आकार देता है। इसलिए सकारात्मक सोच, निरंतर प्रयास और उच्च लक्ष्यों को अपनाकर सार्थक जीवन का निर्माण किया जा सकता है।