23 जून 1980….ये वो दिन था कि जब देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी (Sanjay Gandhi) की विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी। वैसे तो संजय गांधी न तो प्रधानमंत्री के पद पर थे, न मुख्यमंत्री और न ही मंत्री। उसके बावजूद उनका रुतबा और दखल बहुत ज्यादा था। संजय गांधी को इंदिरा गांधी की राजनीतिक विरासत का उत्तराधिकारी माना जाता था। लेकिन 23 जून को संजय गांधी की मौत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। उनकी मौत के बाद देश की राजनीतिक दिशा ही बदल गई। तो आइए जानते हैं संजय गांधी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें…

14 दिसंबर 1946 में हुआ जन्म

दिल्ली में 14 दिसंबर 1946 को इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के दूसरे बेटे के रूप में संजय गांधी (Sanjay Gandhi) का जन्म हुआ था। वो देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के छोटे भाई थे। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग को अपना करियर चुना। इसके लिए उन्होंने इंग्लैंड के क्रू में रॉल्स रॉयस में तीन साल की एप्रेंटिसशिप भी की। संजय गांधी को स्पोर्ट्स कारों में खासी रुचि थी। वहीं साल 1976 में उन्होंने अपना पायलट का लाइसेंस भी बनवा लिया था। इसके साथ ही संजय को हवाई जहाज की कलाबाजियों का शौक भी था।

आपातकाल और राजनीतिक सक्रियता

साल 1966 में जब प्रधानमंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री का निधन हुआ तो फिर इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनीं। इसी बीच संजय गांधी (Sanjay Gandhi) भी अपनी इंटर्नशिप को बीच में छोड़कर देश वापस आ गए थे। इस दौरान इंदिरा भी कांग्रेस में अपनी पकड़ को मजबूत बनाने में जुटी थीं। साल 1970 तक कांग्रेस पार्टी पर इंदिरा गांधी का पूरा नियंत्रण हो गया था। वहीं आपातकाल के दौरान संजय गांधी की राजनैतिक सक्रियता शुरू हुई और उन्होंने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सलाहकार के तौर पर अपनी पहचान बनाई।

राजनीतिक मामलों में होता था सीधा दखल

बताया जाता है कि हर राजनीतिक मामले में संजय गांधी का सीधा दखल हुआ करता था। वह अक्सर विभागों और मंत्रालयों को सीधे आदेश दिया करते थे। वहीं इमरजेंसी के दौरान की गई कई सख्तियों के लिए सीधे तौर पर संजय गांधी को जिम्मेदार भी माना जाता है।

देश में विपक्ष की सरकार

आपातकाल खत्म होने के बाद साल 1977 में कांग्रेस सरकार वापस सत्ता में नहीं आ सकी। उसके साथ आपातकाल के आरोपों के कारण इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी हुई। इस गिरफ्तारी के बदले देश में सहानुभूति का माहौल पैदा हुआ और कुछ ऐसी राजनीतिक हलचल हुई कि साल 1980 में आम चुनाव की नौबत आ गई।

कांग्रेस में फूंकी जान

तभी संजय गांधी ने सभी को चौंकाते हुए पार्टी में ऐसी जान फूंकने का काम किया। साल 1980 में इंदिरा गांधी प्रचंड जीत के साथ सत्ता में वापस आ गईं। इंदिरा गांधी की सत्ता में वापसी के पीछे संजय गांधी की चतुर रणनीति मानी जाती है। इसके बाद संजय गांधी को कांग्रेस पार्टी का महासचिव बना दिया गया।

‘एक देश, एक निशान, एक विधान, एक प्रधान’ संकल्प के अगुवाकार थे श्यामा प्रसाद मुखर्जी

नए विमान को उड़ाते वक्त हुआ हादसा

23 जून 1980 को दिल्ली के सफदरजंग विमानतल के पास संजय गांधी दिल्ली फ्लाइंग क्लब के नए विमान को उड़ा रहे थे। इस दौरान उन्होंने एरौबैटिक कलाबाजी करने की कोशिश की और तभी उनका विमान कंट्रोल से बाहर होकर क्रैश हो गया। इस हादसे में संजय गांधी के सिर में गंभीर चोटें आईं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।