खरगोन। प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा पंचतत्व में विलीन हो गए। खरगोन के कसरावद के तेली भट्यान गांव में नर्मदा नदी के किनारे उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, जिन्होंने नम आंखों से उन्हें विदाई दी। सीएम डॉ. मोहन यादव भी बाबा के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। (Saint Siyaram Baba passed away)
लाखों श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
इससे पहले सियाराम बाबा के आश्रम भट्टयान से लेकर नर्मदा घाट तक उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। इस दौरान करीब 3 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के अंतिम दर्शन किए। सीएम मोहन यादव भी दोपहर करीब 3 बजे आश्रम पहुंचकर बाबा को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने बाबा की समाधि व क्षेत्र को पवित्र और पर्यटन स्थल बनाने का ऐलान किया। (Saint Siyaram Baba passed away)
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‘असंख्य श्रद्धालुओं के जीवन को दी दिशा’
इससे पहले बाबा सियाराम के निधन की खबर पर सीएम गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त, निमाड़ के दिव्य संत पूज्य श्री सियाराम बाबा जी के प्रभुमिलन का समाचार संत समाज सहित सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है। धर्म साधना एवं मां नर्मदा की सेवा में समर्पित पूज्य बाबा जी ने असंख्य श्रद्धालुओं के जीवन को दिशा दी।’
सीएम ने आगे लिखा, ‘बाबा महाकाल से पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करने तथा उनके असंख्य अनुयायियों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना करता हूं। संतश्री के चरणों में कोटि-कोटि नमन।’
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) December 11, 2024
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) December 11, 2024
बता दें कि संत सियाराम बाबा की आयु 110 वर्ष थी। उन्होंने बुधवार को मोक्षदा एकादशी पर सुबह 6:10 बजे अंतिम सांस ली। वे पिछले 10 दिन से निमोनिया से पीड़ित थे। उनके निधन से देशभर के उनके अनुयायियों में शोक की लहर है।
बाबा के अनुयायियों के मुताबिक, उनका असली नाम कोई नहीं जानता। वे साल 1933 से नर्मदा किनारे रहकर तपस्या कर रहे थे। उन्होंने 10 साल तक खड़े रहकर मौन तपस्या की और बीते 70 साल से रामचरित मानस का पाठ भी कर रहे थे। उन्होंने अपने तप, त्याग और सुवचनों से लोगों के हृदय में खास जगह बनाई। कहा जाता है कि उनके मुंह से पहली बार सियाराम का उच्चारण हुआ था, तभी से लोग उन्हें संत सियाराम बाबा कहकर पुकारते हैं।