रायपुर। छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाला (Chhattisgarh PSC Scam) मामले में CBI ने बुधवार की सुबह प्रदेश के कई स्थानों पर छापेमारी की। इसी क्रम में सीबीआई की टीम ने कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के बिलासपुर स्थित आवास पर भी दबिश दी।

जानकारी के मुताबिक 5 से 10 सदस्यीय (Chhattisgarh PSC Scam) सीबीआई की टीम कांग्रेस नेता के यदुनंदन नगर स्थित पुराने निवास पर पहुंची। जहां उसने मामले को लेकर पूछताछ की।

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सरकार ने CBI को सौंपी जांच

दरअसल, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार की घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें नेताओं और अधिकारियों के रिश्तेदारों की भर्ती नियमों के खिलाफ करके की गई है। जिसके बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच CBI को सौंपी है।

बता दें कि राजेंद्र शुक्ला के बेटे स्वर्णिम शुक्ला का नाम भी इस घोटाले में सामने आ रहा है। स्वर्णिम का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ था। वर्तमान में वह आदिम जाति कल्याण विभाग में डिप्टी डायरेक्टर का पद पर पदस्थ हैं। अपनी जांच के दौरान CBI ने स्वर्णिम के चयन पर भी सवाल उठाए हैं।

अहम डॉक्यूमेंट बरामद

रायपुर समेत प्रदेश के अन्य स्थानों पर की गई रेड में सीबीआई ने कई अहम डॉक्यूमेंट्स और डिजिटल डेटा बरामद किए हैं। एजेंसी ने रायपुर में राजभवन के पूर्व सचिव अमृत खलको के रायपुर स्थित आवास पर छापेमारी की है. उनके बेटे और बेटियों का भी छत्तीसगढ़ पीएससी में चयन हुआ था।

बालोद जिले में दर्ज है एफआईआर

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की भर्ती में गड़बड़ी को लेकर बालोद जिले के अर्जुंदा थाने में FIR दर्ज की जा चुकी है। जो कि तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, सचिव, परीक्षा नियंत्रक समेत अन्य अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ दर्ज की गई है। वहीं शासन के निर्देश पर पुलिस 2019 के बाद जितनी भी भर्ती परीक्षाएं हुईं हैं, उन सभी की जांच करेगी।

कहा जा रहा है कि जल्द ही सोनवानी समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है। इससे पहले परीक्षा में हुई कथित गड़बड़ी की जांच के लिए शासन के निर्देश पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने भी केस दर्ज किया था।

क्या है मामला?

साल 2021 में हुई छत्‍तीसगढ़ राज्य सेवा परीक्षा के अंतर्गत 170 पदों की चयन सूची मई 2023 को जारी की गई थी। इसमें जो टॉप-15 नाम हैं उनमें भाई-भतीजावाद का आरोप लगा है। जिसके बाद भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी।