पन्ना। डायमंड सिटी कहे जाने वाले पन्ना (Panna) जिले के अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 50 लाख का घोटाला सामने आने पर हड़कंप मच गया है। शिकायतकर्ता सुरेश यादव की शिकायत पर कलेक्टर के निर्देश एवं सीएमएचओ के गाइडेंस में अजयगढ़ एसडीओपी की ओर से जांच की गई। घोटाले के मास्टरमाइंड तत्कालीन बीएमओ डॉ. केपी राजपूत हैं। उनके साथ मिलकर अकाउंटेंट वीरेंद्र कुमार अहिरवार, ब्लॉक प्रोग्राम मेनेजर रुचि शर्मा और बीएमओ के भतीजे दीपक राजपूत ने 50 लाख का गबन किया था।
बताया जा रहा है कि अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित चंदौरा और खोरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों एवं गर्भवती महिलाओं की डाइट, सफाई कर्मियों की राशि, रोगी कल्याण समिति आदि की राशियों को इन चारों ने अपने अकाउंट्स में ट्रांसफर करा लिया था।
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निजी खातों में ट्रांसफर कराए पैसे
मामला सामने आने के बाद मानवाधिकार सुरक्षा संगठन जिला (Panna) महामंत्री सुरेश यादव ने अजयगढ़ थाने में जाकर शिकायत दर्ज की। जिसके बाद पुलिस ने ये एक्शन लिया है। अपनी शिकायत में सुरेश यादव ने बताया कि अजयगढ़ बीएमओ डॉ. केपी राजपूत समेत चार लोगों पर सफाई कर्मियों और प्रसूतियों के नकली दस्तावेज बनवाकर उन्हें मिलने वाली सरकारी सहायता राशी को अपने प्राइवेट खातों में ट्रांसफर करवा लिया।
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देवास से भी सामने आया मामला
ऐसा ही एक गबन का मामला एमपी के देवास जिले से सामने आया है। जहां दो चिकित्सा अधिकारियों ने अपने अधीनस्थ कर्माचारियों के साथ मिलकर करीब साढ़े चार करोड़ रुपये का गबन किया है। पैसे कमाने का यह सिलसिला 4 साल से चल रहा था।
दरअसल, कोरोना के समय स्वास्थ्य विभाग में लाखों-करोड़ों रुपये की खरीदी की गई, जिसमें अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों ने काफी पैसे अंदर किए। गबन की हुई राशि करीब 4 करोड़ 26 लाख बताई जा रही है। देवास कलेक्टर ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि देवास सीएमएचओ ऑफिस में लगभग 4 करोड़ 26 लाख रुपये के गबन का मामला सामने आया है। जिसकी जांच की जा रही है। कुछ राशि की रिवकरी कर ली गई है। 9 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।