भोपाल। मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजो मान्यता देने के मामले में अब तत्कालीन रजिस्ट्रार चंद्रकला दिवगैया (Nursing ghotala) को बर्खास्त कर दिया गया है। बता दें कि इससे पहले तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू की भी सेवा समाप्त की जा चुकी है। चंद्रकला दिवगैया फिलहाल दतिया नर्सिंग कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर पदस्थ थीं।

छात्रों के भविष्य से खिलवाड़

बता दें कि, चंद्रकला दिवगैया पर यह कार्रवाई अपात्र नर्सिंग कॉलेजों (Nursing ghotala) को दी गई मान्यता में अनियमितताओं को लेकर की गई है। उनके कार्यकाल में कॉलेजों को मान्यता देने में अनियमितताएं की गई। जिससे विद्यार्थी और आम लोगों में शासन की छवि खराब हुई। इतना ही नहीं इससे बहुत से छात्रों का भविष्य से खिलवाड़ किया गया। जिसकी वजह से वर्ष 2021 से 2023 तक जांच प्रकरणों के चलते परीक्षा नहीं होने से प्रदेश के नर्सिंग छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधेरे में चला गया।

दिवगैया के कार्यकाल में 219 कॉलेजों को मान्यता

तत्कालीन रजिस्ट्रार चंद्रकला दिवगैया के कार्यकाल में ही मध्यप्रदेश में 219 नए नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी गई थी। एनएसयूआई नेता रवि परमार ने कहा कि ये फर्जी नर्सिंग कॉलेज थे। जिसकी हम लगातार शिकायत कर रहे थे, लेकिन तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री और अधिकारियों ने उनको संरक्षण दिया हुआ था।

दिवगैया के कार्यकाल में कई अनियमितताएं

चंद्रकला दिवगैया का कार्यकाल सितंबर 2020 से सितंबर 2021 तक रहा। उन्होंने 6 मई 2021 को 667 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता की सूची जारी की थी, जिसमें 219 नए नर्सिंग कॉलेज थे। दिवगैया के कार्यकाल में मान्यता के साथ साथ कई अनियमिताएं हुए थीं।

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तीन दिन पहले सुनीता शिजू पर हुई थी कार्रवाई

मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को बर्खास्त कर दिया गया। दरअसल उनके कार्यकाल में अयोग्य नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने की जांच की गई थी। जिसमें पदीय कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन न करना पाया गया था। इसके आधार पर यह निर्णय लिया गया। सुनीता शिजू रजिस्ट्रार के पद पर 22 सितंबर 2021 से 24 अगस्त 2022 तक पदस्थ थीं। अधिष्ठाता चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल ने 20 जुलाई 2023 को आरोप पत्र और 4 अगस्त 2023 को अतिरिक्त आरोप पत्र जारी किया था। जिसकी गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल ने विभागीय जांच की। उसमें पाया गया कि सुनीता शिजू ने गंभीर अनियमितताएं की हैं। जो अत्यंत गंभीर कदाचरण श्रेणी की पाई गईं। ऐसे में शिजू की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।